
Jung e Yarmook.

According to Anas :“A man came to the Prophet and said: ‘O Messenger
of Allah , When is the final hour?’ The Prophet stood for
ritual prayer and after completing it. He said: ‘Where is the man
who was asking about the final hour? The man said; ‘here I am, O
Messenger of Allah !’ He said: ‘What have you prepared for it?’
The man said: ‘Nothing, I have not prepared much for it, neither
with ritual prayers nor with fasting, except that I love Allah 9 and
His Messenger .’ So he said: ‘You are together with those you
love.’ So, I have never seen Muslims as glad as on this, after
becoming the Muslim.”
Reported by al-Bukhari, al-Muslim and al-Tirmidhi. These are
his (al-Tirmidhi) words
Set forth by al-Bukhari in al-Sahih, Bk.: Al-Adad, 5/2283, $ 5817, 5818. alMuslim in al-Sahih, 4/2034, $ 2640. Al- Tirmidhi in Al Sunan, 4/595, $ 2385.
al-Nas’ai in al-Sunan, 2/344, $ 1178. Ahmed b. Hambal in al-Musnad, 4/239,
395, 398, 405. Ibn Hibban in al-Sahih, 2/316, $ 557. al-Tabrani in al-Mujam
al-Awsat, 4/42, $ 3563. Abu Yala in al-Musnad, 9/100, $ 5166
अज़दहां का हमला
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम शर्फे नुबुव्वत से मुशर्रफ होकर जब फ़िरऔन के पास पहुंचे तो उससे फ़रमाया कि ऐ फ़िरऔन! मैं अल्लाह का रसूल हूं और हक व सदाक़त का अलमबर्दार हूं। दावा-ए-ख़ुदाई को छोड़ और एक अल्लाह का पूजने वाला बन । फ़िरऔन ने कहाः तुम अल्लाह के रसूल हो तो कोई निशानी दिखाओ आपने असा मुबारक जमीन पर डाल दिया। जब आपने वह असा जमीन पर डाला तो वह एक बड़ा अज़दहा बन गया। जर्द रंग, मुंह खोले हुए. जमीन से एक मील ऊंचा, अपनी दुम पर खड़ा हो गया। वह एक जबड़ा उसने जमीन पर रखा और एक शाही महल की दीवार पर फिर उसने फिरऔन की तरफ रुख किया तो फ्रिऔन अपने तख्त से कूद कर भागा । लोगों की तरफ रुख किया तो ऐसी भगदड़ पड़ी कि हज़ारों आदमी कुचल कर मर गये। फिरऔन घर में जाकर चीखने लगा। कहने लगाः ऐ मूसा! तुम्हें उसकी कसम जिसने तुझे रसूल बनाया इसको पकड़ लो। हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने इसको उठा लिया और वह मिस्ल साबिक असा था। फिरऔन की जान में जान आयी। (खज़ाइनुल इरफान सफा २३६). सबक : पैगम्बर बड़ी शान व शौकत और अजीम ताकत का मालिक होता है। बड़े से बड़ा बादशाह
भी उसका मुकबला नहीं कर सकता।
खौफनाक सांप
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के हाथ में एक असा था। खुदा ने फ़रमायाः ऐ मूसा! ज़रा इस असा को ज़मीन पर डालो । हज़रत मूसा ने उसे जमीन पर डाला तो वह खौफनाक सांप बनकर लहराने लगा। हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम ने यह मंज़र देखकर पीठ मोड़ ली। पीछे मुड़कर न देखा। खुदा ने फ़रमायाः ऐ मूसा! डरो नहीं। इसे पकड़ लो, यह फिर वही असा बन जायेगा। चुनांचे आपने उस सांप को पकड़ा तो वह फिर वह असा बन गया। अल्लाह तआला ने यह भी एक मोजिज़ा अता फरमाकर मूसा अलैहिस्सलाम से फरमाया कि अब फिरऔन की तरफ जाओ। उसे डराओ, और उसे समझाओ कि वह कुफ्र व तुग़यानी को छोड़ दे। अगर वह मोजिज़ा तलब करे तो यह असा डाल कर उसे दिखाओ। ।
(कुरआन करीम पारा १६ रुकू १०, पारा २०, रुकू ७)
सबक़ : अंबिया अलैहिमुस्सलाम को अल्लाह तआला ने बड़े-बड़े मोजिज़ात अता फरमाये हैं । वह ऐसे ऐसे काम कर दिखाते हैं जो दूसरे हरगिज़ नहीं कर सकते।