
अबु अब्दुल्ला मुहम्मद बिन अहमद अल-मुक़द्दसी
अबु अब्दुल्ला मुहम्मद अबु अब्दुल्ला मुहम्मद बिन अहमद अल मुक़द्दसी चौथी शताब्दी के महान भूगोलशास्त्री हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने भूगोल को एक नई दिशा दी और अरबी भूगोल को चिरस्थाई आधार प्रदान किया। अबु अब्दुल्ला के विचार में समाज के विभिन्न वर्गों और व्यवसाय के लिए भूगोल का ज्ञान लाभकारी होना चाहिए। अतः उन्होंने भूगोलशास्त्री का विस्तार किया और उसमें बिन अहमद अल-मुक़द्दसी कई विषयों की वृद्धि की जैसे हर क्षेत्र की प्राकृतिक विशेषताएं, उसके खान-पान, भाषाएं, नागरिकों की नसलें, रस्म-व-रिवाज, धर्म और समुदाय, नाप-तौल के पैमाने, क्षेत्रीय भिन्नता आदि। इन सब विषयों पर उन्होंने एक पुस्तक अहसनुल-तक़ासीम-फ्री- अलमुआरफ़तुल-अक़लीम लिखी।
अल-मुक़द्दसी का भी दूसरे मुस्लिम शोधकर्ताओं की तरह मानना है कि विज्ञान वही है जो निजी अनुभव और खोज से प्राप्त हो। उन्होंने भी खोज और अनुसंधान को वरीयता दी है। इसके अलावा उन्होंने पूर्व खोजकर्ताओं के अनुभवों से फ़ायदा उठाया। उन्होंने अपनी पुस्तकों के प्राक्कथन में भूगोलिक परिभाषा से बहस की है। इस ज्ञान में प्रयोग होने वाले विशेष शब्दों के अर्थ की व्याख्या भी की है। विभिन्न देशों के भागों एवं जिलों का रेखा चित्र भी पेश किया है ताकि पर्यटन की दृष्टि से वह लाभकारी हों। उनकी एक विशेषता यह है कि सामान्य भूगोल के विभिन्न विषयों पर बड़े विस्तार से बहस की है।
उनके युग में भूगोलशास्त्र में जो प्रगति हुई उसकी सहायता से नाविकों में ने सुदूर क्षेत्रों की यात्राएं कीं और कई ज्ञानवर्धक सफ़रनामे लिखे।
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