
अल्लाह तआला ने अली के दिल का इम्तिहान ले लिया
फरमान ए मुस्तफा, दर शान ए मुर्तजा
हदीस
रावीयान ए हदीस, मुहम्मद बिन अब्दुल्लाह बिन अल-मुबारक, अल्-अस्वद बिन आमिर, शरीक बिन अब्दुल्लाह अन्-नख़ ई, मन्सूर बिन अल्-मुअतमिर, रिब’ई बिन हिरश। हज़रत अली अलैहिस्सलाम से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही वसल्लम की ख़िदमत में कुरैश के कुछ लोग आए और कहा कि, “या मुहम्मद सल्लललाहु अलैहे व आलिही वसल्लम! हम आपके, हमसाए और हलीफ़ हैं। हमारे कुछ गुलाम आपके पास आए हैं और इन्हें दीन और फिक्ह से कुछ रग़बत नहीं, बल्कि वो हमारे नुकसान और हमारे मालों की वजह से फरार होकर आपके पास आ गए हैं, तो वो हमें लौटा दीजिए।
रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम ने हज़रत अबु बकर रजिअल्लाहु अन्हो से पूछा कि इनके मुताल्लिक तुम क्या कहते हो? जनाब अबु बकर रजिअल्लाहु अन्हो ने अर्ज़ किया कि, “इन्होंने सच कहा है की ये आपके हम साए और हलीफ़ हैं।”
रसूलुल्लाह मुहम्मद सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम ने ये सुना तो आपके चेहरे पर गज़ब के आसार नुमाया हो गए फिर आपने हज़रत उमर से ये ही सवाल किया तो उन्होंने भी ये ही जवाब दिया कि ये सच है और आपके हमसाए और हलीफ़ हैं।
पस रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम के चेहरे पर जलाल बरसने लगा और आपने फरमाया, “ऐ गिरोह ए कुरैश! खुदा की कसम, मैं तुम में से, तुम्हारे पास, ऐसे आदमी को भेजूंगा जिसके दिल का अल्लाह तबारक व त’आला ने इम्तिहान ले रखा है और वो दीन के बारे में तुम्हारे साथ जंग करेगा या तुम में से बाज़ को मारेगा।
हज़रत अबु बकर रजिअल्लाहु अन्हो ने पूछा, “या रसूलुल्लाह! क्या वो मैं हूँ?” रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम ने फरमाया, “नहीं”
फिर हज़रत उमर रजिअल्लाहु अन्हो ने पूछा, “या रसूलुल्लाह! क्या वो मैं हूँ?” तो रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम ने फरमाया, “नहीं बल्कि ये वो शख्स है जो जूते मरम्मत कर रहा है।” “
और उस वक्त हज़रत अली अलैहिस्सलाम, जूते मरम्मत कर रहे थे।