Day: April 3, 2022
Ahl_e_Bait ki Muhabbat Kya Faidaye.

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तासीरे हुस्न

तासीरे हुस्न
जुलैखा हज़रत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम की मुहब्बत में कुछ ऐसी वारफ़ता हुई उसे अपना होश न रहा। उसकी मुहब्बत के चर्चे सारे मिस्र में होने लगे। शरीफ़ घराने की औरतें कहने लगी कि जुलैखा को तो अपने नंग व नामूस और पर्दे इफ्फ़त (इज़्ज़त) का लिहाज़ भी न रहा। वह एक नौजवान का दिल लुभाने लगी है। जुलैखा ने जब अपने मुतअल्लिक़ यह बातें सुनी तो उसने एक दावत का इंतजाम किया जिसमें मिस्र के शरीफ घरानों की चालीस औरतें बुलाई गई उन औरतों में वह औरतें भी थीं जो जुलैख़ा के मुतअल्लिक बातें करती थी, उसे मलामत करती थीं। जुलैख़ा ने उनके लिए मसनदें तैयार की और उन्हें बड़ी इज्जत व एहतराम के साथ बिठाया। उनके सामने दस्तरख्वान बिछाये जिन पर किस्म-किस्म के खाने और मेवे चुने और फिर हर औरत को एक-एक छुरी भी दी ताकि वह गोश्त काटे और मेवे चीरें। फिर हज़रत यूसुफ अलैहिस्सलाम को उम्दा लिबास पहनाकर उनसे कहा
कि आप जरा इन औरतों सामने आकर उनको अपना हुस्न व जमाल दिखायें। हज़रत यूसुफ अलैहिस्सलाम ने पहले तो इंकार किया लेकिन फिर जुलैख़ा के अंदेशे से आप उन औरतों के सामने तशरीफ ले आये। उन औरतों ने जब यूसुफ़ अलैहिस्सलाम की तरफ नज़र की तो उस जमाले आलम अफरोज़ के साथ नुबुव्वत और रिसालत के अनवार और तवाज व इंकिसार के आसार और शाहाना हैबत व इक्तिदार देखा तो तअज्जुब में आ गई । आपकी अज़मत व हैबत दिलों में बैठ गई और हुस्न व जमाल ने ऐसा वारफ्ता किया कि उन औरतों को खुद फ़रामोशी (अपने आपको भूल जाना) हो गई। बजाए नीबू के उन्होंने उन छुरियों से अपने हाथ काट लिये और तासीरे हुस्न की वजह से उन्हें तकलीफ का कुछ एहसास न हुआ। फिर आलमे हैरत में बोल उठी: हाशा लिल्लाह! यह बशर तो नहीं है। यह तो कोई फ़रिश्ता है। जुलैखा ने कहाः देख लिया इसके हुस्न व जमाल को? यही है वह हुस्न
व जमाल का पैकर जिसका तुम मुझे ताना देती थी।
(कुरआन करीम पारा १२, रुकू १४, खज़ाइनुल इरफ़ान सफा ३३६)
सबक : हज़रत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के हुस्न व जमाल की तासीर का यह आलम था कि देखने वाली औरतें पुकार उठीं कि यह तो कोई फ़रिश्ता है बशर हरगिज़ नहीं। फिर जो शख़्स हज़रत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के भी सरदार हुजूर अहमदे मुख्तार सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के हुस्न व जमाल का कुछ भी ख्यान न करे और यूं कहे कि वह हमारी मिस्ल एक बशर है तो वह शख्स किस कद्र जाहिल बेअदब और औरतों से भी गया गुज़रा है।