हज़रते अबू हुरैरह रज़ियल्लाहू तआला अन्हु से मर”वी है हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व आलिही वसल्लम ने इरशाद फरमाया के अल्लाह तआला का फरमान है के जिसने मेरे किसी वली से दुश्मनी रखी उसके लिए मेरी तरफ से एलाने जंग है
[बुख़ारी शरीफ़ जिल्द 2 सफ़्हा 963]
फ़ज़ाइले औलियाए किराम में जो क़ुरआनी आयात या अहादीस पेश की जाती हैं ये उन्हीं के लिये हैं जो वाक़ई अल्लाह के वली हों और अल्लाह के वली और अल्लाह वाले वो हैं जो खुद भी अल्लाह के रास्ते पर चलते हैं और दूसरों को भी अल्लाह और की तौफ़ीक़ से नेक रास्ते पर चलाते हैं