Day: October 22, 2020
Farmane e Maula Ali AlaihisSalam

बेशक जन्नत वाले हम अहले बैत को और हमारी इत्तेबाअ करने वालों को एसे देखेंगे जैसे लोग आसमान को देखते हैं
(मौला अली)
जो शख्स अपने दिल में हमारी मोहब्बत रखता है और ज़बान से हमें बुरा नहीं कहता वो जन्नत में हमारे साथ होगा
(मौला अली)
सब से अंधा वो शख्स है जो हम अहले बैत की फ़ज़ीलत और मुहब्बत से अंधा हो
(मौला अली)
शान ए मौला अली ए मुर्तज़ा अलैहिस्सलाम

हम अपने बुज़ुर्गों के अक़ीदे पर हैं वो भी ऐसे बुज़ुर्ग जो वली ए कामिल हैं अब अगर इनका अक़ीदा राफ़ज़ीयों वाला है तो हम भी राफ़ज़ी हैं और अगर ये अहलेसुन्नत हैं तो हम भी अहलेसुन्नत हैं
शान ए मौला अली ए मुर्तज़ा अलैहिस्सलाम

(हज़रत शैख़ अहमद जाम रहमतुल्लाह अलैह का नज़राने अक़ीदत ) 👇
हमे चाहिए के हर साँस में हुज़ूर मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम) की तारीफ़ व सना करें, और असहाब ए सुफ़्फ़ा के दामन को अपने हाथों से मज़बूत पकड़ लें
हज़रत हैदरे कर्रार सख़ावत के दरिया और करम के मैदान हैं पस हज़रत अली शेरे ख़ुदा के औसाफ़ का गीत गाना चाहिए
न ज़ुल्फ़िक़ार के सिवा कोई तलवार है और न अली के सिवा कोई जवान है
हर वक़्त “साहिब ए हल-अता” के सिफ़ात में फ़हेमो फ़िक्र से काम लेना चाहिए
ऐ अज़ीज़ ! तू अगर उस जहान में निजात का ख़्वाहिशमंद है तो “दामन ए आले मुहम्मद” से वाबस्ता हो जा
Hadith Muslim 5426

Madine ki moti 66
