Day: September 13, 2020
हातिमताई की बेटी

हातिम ताई की बेटी क़ैद होकर बारगाहे रिसालत.ﷺ में आई और थोड़ा सा सर से दुपट्टा………..सर के चंद बाल या एक बाल नज़र आ रहा था….
आपनेﷺ हज़रत उमर رضی اللہ عنہ को फ़रमाया : उमर बेटी के सर पे दुपट्टा दो.
हज़रत उमर رضی اللہ عنہ ने कहा : या रसूलुल्लाहﷺ काफिर की बेटी है.
आप صلی اللہ تعالٰی علیہ واٰلہٖ وسلّم ने रोकर फ़रमाया: उमर बेटी, बेटी होती है चाहे काफिर की हो या मुसलमान की.
आप ﷺअपनी जगह से उठ खड़े हुए और चादर उठा कर बच्ची के सर पर रखी फ़रमाया: बेटा मेरे सहाबा आपको क़ैद करके लाए हैं मेरे पास रहना चाहो तो रहो वापस जाना चाहो तो जा सकती हो वो लड़की कहती है : मैं वापस जाना चाहती हूं…
आप صلی اللہ تعالٰی علیہ واٰلہٖ وسلّم पर मैं क़ुर्बान मेरे मां बाप भी #क़ुर्बान आपके फैसलों से… आपने सहाबा की ड्यूटी लगाई दो दिन और दो रातों के बाद आपके पाक अस्हाब दरवाज़े पर पहुंचे दरवाज़ा खटखटाया.
अंदर से अदी बिन हातिम यानी हातिम का बेटा बाहर आया जब बहन को ग़ैर #महरम सहाबा के साथ देखा तो गुस्से में आ गया पहला सवाल बहन से पूछा :
मुसलमानों का नबी कैसा है?
बहन भाग कर आगे हुई भाई के मुंह पर हाथ रख कर कहती है : भाई ग़लत लफ्ज़ मुंह से ना निकालना मेरा बाप भी मेरी इज़्ज़त की हिफाज़त नहीं कर सकता जो मुहम्मदे अरबी ने की है.
उसने पूछा : ये सहाबा का किरदार कैसा है?
कहने लगी: नमाज़ का वक़्त होता था ये नमाज़ पढ़ते थे मैंने उनका चेहरा नहीं देखा उन्होंने मेरा नहीं देखा.
गुस्सा ठंडा हो गया कहने लगा: अगर मुसलमानों का नबी इतना अच्छा है तो मुसलमान क्यूं नहीं हुई.
कहने लगी: दिल चाहता था मुसलमान हो जाऊं फिर सोचा कहीं भाई #जहन्नमी होकर ना मर जाए तुम्हें लेने आई हूं आओ दोनों बहन भाई नबी के क़दमों को चूम कर जन्नत की बहारें ना लूट लें ?
मैं हाथ जोड़ता हूं मुझे बताओ मेरा नबी तो काफिर की बेटी को इज़्ज़त देता है तुम एक आदम की औलाद एक मुसलमान बहन के साथ वक़्त पास कर रहे हो मुझे बताओ कल को हुसैन के नाना ने पूछ लिया तो क्या जवाब दोगे.
वो कमली वाला काफिर की बेटी के सर का दुपट्टा नहीं गिरा देख सकता तुम अपनी मुसलमान बहनों की इज़्ज़त से खेलते हो.
वो काली ज़ुल्फों वाला #सोहना नबी उसके सहाबा दो दिन दो रात के बाद एक नामहरम को बिना देखे घर पहुंचाते हैं तुम हर वक़्त अपनी मुसलमान नामहरम बहन को देखने के तलबगार हो कोई बहन बेटी सड़क पर स्कूल कॉलेज में अपने किसी मक़सद में अपनी किसी मजबूरी में काम पर जा रही है तो तुम एक गंदी लोमड़ी की तरह की नज़रों से उसे देख रहे हो-
जो नबी काफिर की बेटी को पूछता है बेटा जाना चाहो तो जा सकती हो,रहना चाहो तो मैं तुम्हारा बाप हूं…तुम उस नबी के उम्मती होकर अपनी मुसलमान बहन से सारा सारा दिन नाजायज़ #ताल्लुक़ात से बातें कर रहे हो मुझे सिर्फ ये बता दो कि कल को कमली वाले आक़ा ने पूछ लिया कि मैं तो ये सबक़ देकर आया था तुमने क्या किया?….तो क्या जवाब दोगे…
उन बहनों से भी कहूंगा अपने वालिदैन की इज़्ज़तें उनकी क़द्रें रखें गैर #महरम मर्द से आपका सिर्फ एक रिश्ता बनता है निकाह का रिश्ता……….. वरना ये सब तुम्हारी इज़्ज़तों के ठेकेदार बने हुए हैं.
मेरे भाइयो बहनों अल्लाह से मुआफी मांग लो वो मेहरबान है बहुत बख्शने वाला है पाकीज़ा ज़िंदगी गुज़ारो यही हक़ है…
अहलेबैत से दुश्मनी रखने वाला शैतान की जमाअत से है

अहलेबैत से दुश्मनी रखने वाला शैतान की जमाअत से है हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रदिअल्लाहोअन्हो बयान करते हैं के हुज़ूर नबी ए अकरम صَلَّى الله تَعَالىٰ عَلَيْهِ وَالِه وَسَلَّم ने इरशाद फ़रमाया सितारे अहले ज़मीन को ग़र्क (तबाहो बर्बाद) होने से बचाने वाले हैं और मेरी अहलेबैत मेरी उम्मत को इख़्तिलाफ़ से बचाने वाले हैं और जब कोई क़बीला उनकी (अहलेबैत की) मुख़ालिफ़त करता है तो उस में इख़्तिलाफ़ पड़ जाता है यहां तक के वो (इख़्तिलाफ़ करने वाले) शैतान की जमाअत में से हो जाता है इस हदीस को इमाम हाकिम ने रिवायत किया और कहा कि ये हदीस साहिउल इसनाद है (यानि सही है) हवाला :- 📚📚📚 हाकिम फ़ि अल मुस्तदरक 03/162 रक़म 4715
Madfoneen_Jannat_ul_Baqi_Kay_Fazail
Amir al-Mu’minin ‘Alī (a.s.) was once asked
الإمامُ عليٌّ (عَلَيهِ الّسَلامُ) ـ لَمّا سُئِلَ عن أشَدِّ المَصائبِ ـ: المُصيبَةُ بِالدِّينِ
Amir al-Mu’minin ‘Alī (a.s.) was once asked what the worst affliction was, to which he replied:
“To be afflicted with a blow to one’s faith.”
