
नबी ए करीम ﷺ ने फरमाया:
बेशक अल्लाह तआला बहुत नरमी करने वाला है, नरमी को पसंद फरमाता है, और नरमी पर वह जो कुछ अता फरमाता है वह सख्ती ओर दूसरी चीजों पर अता नहीं फरमाता।
( मुस्लिम : 2593)
…यकीनन अल्लाह तआला हर मामले में नरमी को पसंद करता है….।
(बुखारी 6024)
नरमी जिस चीज़ में भी होती है उसे खूबसूरत बना देती है और जिस चीज़ से निकाल दी जाए उसे एबदार बना देती है।
(मुस्लिम 2594: ..6602)
जिसको नरमी अता की गई उसको दुनिया व आख़िरत की खैर व भलाई से नवाज़ दिया गया।
(मज्मऊज़्ज़वाईद :8/156)
जब अल्लाह ताला किसी घरवालों से भलाई का इरादा फरमाते हैं तो उनको नरमी की तौफीक दे देता है।
(सहिहुल जामिअ: 303/1704)
जो नरमी से महरूम कर दिया गया
वह तमाम भलाइयों से महरूम कर दिया गया।
(सहिहुल जामिअ:6606)