
*بِسْمِ اللٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ*
ह़ुज़ूर नबिय्ये अकरम ﷺ ने फ़रमाया:
“जिस ने अपने हाथों के साथ मज़दूरी करते हुवे थक कर शाम की तो उस की शाम बख़्शिश के साथ हुई।”
[त़बरानी, अल मु’जमुल औसत़, रक़म: 7520]
ह़ुज़ूर नबिय्ये अकरम ﷺ ने फ़रमाया:
“बेशक सब से पाकीज़ा (रिज़्क़) जो तुम खाते हो सो वोह तुम्हारे हाथ की कमाई है।”
[इब्ने माजह, अस्सुनन, रक़म: 2290]
ह़ुज़ूर नबिय्ये अकरम ﷺ ने फ़रमाया:
“बेशक किसी भी शख़्स़ के लिये बेहतरीन कमाई वोह है जो वोह अपने हाथ से कमाता है।”
[हिन्दी, कन्ज़ुल उ़म्माल, रक़म: 9234]
ह़ुज़ूर नबिय्ये अकरम ﷺ ने फ़रमाया:
“बेशक अल्लाह मेह़नत करने वाले मोमिन को मॅह़बूब रखता है।”
[त़बरानी, अल मु’जमुल औसत़, रक़म: 8934]