

हुज़ूर को सबसे आख़िर में मिलने वाले शख़्स का बयान
पहली हदीस
रावीयान ए हदीस, अली बिन हुज्र, जरीर बिन अब्दुल हमीद, मुगीरा बिन मुक़स्सिम, उम्म ए मूसा। उम्मुल मोमिनीन हज़रत उम्मे सलामा रज़िअल्लाहु अन्हा बयान फरमाती हैं कि रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम से सबसे आखिर में मुलाकात करने वाले हज़रत अली अलैहिस्सलाम हैं।

दूसरी हदीस-
रावीयान ए हदीस, मुहम्मद बिन कुदामह, जरीर बिन अब्दुल हमीद, मुगीरह बिन मुक़स्सिम, उम्मे मूसा।
उम्मुल मोमिनीन हज़रत सलामा रजिअल्लाहु अन्हा ने कसम खाकर बताया कि रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम से सबसे आखिर में मुलाकात करने वाले हज़रत अली अलैहिस्सलाम थे। आपने मजीद फरमाया कि जिस सुबह हुज़ूर रिसालत ए म आब सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम का विसाल मुबारक हुआ, उस दिन आपने हज़रत अली अलैहिस्सलाम की तरफ़ पैगाम भिजवाया। आप फरमाती हैं, मेरा ख्याल है, आपका पैगाम भिजवाना किसी ज़रूरत का बाईस था। क्योंकि आपने तीन मर्तबा पूछा, “अली आ गए हैं?”
हज़रत अली अलैहिस्सलाम तुलु ए आफ़ताब से क़ब्ल तश्रीफ़ ले आए। उस रोज़ हम रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम से मिलने के लिए हज़रत आयशा रज़िअल्लाहु अन्हा के घर थे। चुनाँचे जब वो आ गए तो हमें मालूम हो गया कि आपको उनसे कोई काम है, हम सब बाहर हो गए। मैं बाहर होने वालों में सबसे आखिर थी और दरवाज़े के करीब थी, मैंने देखा कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम, रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम के ऊपर झुके हुए थे और रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम से मुलाकात करने वाले आख़री शख्स थे । पस रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहे व आलिही व सल्लम, हज़रत अली अलैहिस्सलाम से सरगोशियाँ फरमाईं और राज़ की बातें कहने लगे।