15 शव्वाल योमे शहादत हज़रत अमीर-ए-हमज़ा अलैहस्सलाम

*15 शव्वाल योमे शहादत हज़रत अमीर-ए-हमज़ा अलैहस्सलाम*

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*जब सय्यिदुना अमीरे हमज़ा رضي الله عنه की शहादत हुई तो रहमत-ए-आलम ﷺ ने शदीद रंज ओ मलाल का इज़हार फरमाया और निहायत ग़मगीन होगये यहां तक कि आपकी चशमां -ए- मुक़्क़दस से आँसू रवां हो गए*

*और जब हुज़ूर नबी -ए-करीम ﷺ ने शोहदा- ए -उहद की नमाजे जनाज़ा पढ़ाई तो हर शहीद की नमाजे जनाजा के साथ सय्यिदुना अमीर हमज़ा رضي الله عنه की नमाज ए भी पढ़ाई इस लिहाज से आपको ये एज़ाज़ -ओ- इम्तियाज़ हासिल है कि 70 मर्तबा आपकी जनाज़ा की नमाज अदा की गई*

*(शरह मुसनद ए अबु हनीफा और सीरत-ए-हलबिया)*

*हज़रत इब्ने शाजान رحمة الله عليه ने हज़रत अब्दुल्ला बिन मसऊद رضي الله عنه से रिवायत बयान की है हुज़ूर नबी-ए-पाक ﷺ को कभी इतना अश्क बार नही देखा जितना के आप हज़रत हमज़ा رضي الله عنه की शाहदत पर अश्कबार हुये !*

*आप ﷺ ने उन्हें किबले की जानिब रखा फिर आप जनाज़े के सामने कियाम फरमा हुए आप इस क़दर अश्कबार हुए के रंजदगी की वजह से आप सिसकियां भी लेने लगे और आप पर बेहोशी तारी हो गई*

*और आप फरमाते जाते आये हमजा ! आये रसूल ﷺ के चचा अये रसूलल्लाह ﷺ के शेर, आये हमज़ा नेकियों को अंजाम देने वाले अये हमज़ा !अये मुसीबतों को दूर करने वाले अये हमज़ा ! रसूलल्लाह ﷺ की जानिब से दिफ़ाअ करने वाले अये हमज़ा !*

*(Sharah Musnad e Abu Hanifa, Jild 1, Page 526)*
*(Zakhaer ul Uqba, Jild 1, Page 176)*
*(Al Seerat ul Halbiya, Jild 4, Page 153)*
*(Al Mawahib lil Duniya Maa Sharah al Zarqaani)*
*नोट*:- *इसी हदीस की सनद है कि आप सल्लहो अलैह व सल्लम ने हज़रत सय्यिदुना अमीर हमजा अलैहस्सलाम को मुश्किल कुशा कहा है शेरे खुदा कहा है जो लोग इमाम अली अलैहस्सलाम को मुश्किलकुशा कहने पर ऐतराज करते है वो पक्के नासबी है*
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*हज़रत सय्यिदुना अमीर हमज़ा अलैहस्सलाम को शहीद करने वाले हाथ वहसी के थे जब वहसी इस्लाम कुबूल करने आये तो आप सल्लाहो अलैह व सल्लम ने फरमाया के अये वहसी तेरा इस्लाम तो कुबूल है पर तु मुझे अपनी शक्ल ना दिखाना मुझे मेरे चचा याद आते है और वहसी ज़िन्दगी भर आप सल्लाहो अलैह व सल्लम के सामने नही आये सोचिए चचा का गम ज्यादा होता है या बेटे का कभी महसूस जरूर कीजियेगा ! इमाम हसन अलैहस्सलाम और इमाम हुसैन अलैहस्सलाम नबी-ए-करीम सल्लाहो अलैह व सल्लम के लखते जिगर है ये क्या अहमियत रखते थे और अल्लाह इन दोनों को कितना अज़ीज़ रखता है जिससे मुत्तालिक आपको कई हदीसे मिल जाएगी ! क्या इनसे बुग्ज़ और इन्हें शहीद करने वाले इनकी शहादत में जिस जिस ने बुनियाद रखी साजिशें रची इन्हें तकलीफ पहोचाया वो बर्बाद है और इन मलऊनो का दिफ़ाअ करने वाले इस दुनिया और आख़ेरत में भी बर्बाद होंगे*

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