“मुआविया के दौर ऐ हुकूमत में आल ऐ मारवान में से एक शख्श ने हज़रत सहल बीन साद रदियल्लाहो अन्हु से कहा की वो मौला अली अलैहिसालाम को गाली दे।
जब उन्हों ने इंकार कर दिया तो कहा की ये कह दो की अबू तुराब पर अल्लाह की लानत”
नउज़ोबिल्लाह मीन ज़ालिक ! ! ! ! !
– सही मुस्लिम जिल्द 4 , हदीस नं 6229, सफा नं 565
खुदा जाने उन लोगो की अक़्लो पर कौन से पत्थऱ पड़े थे की मौला से इस कदर दुश्मनी थी, लोगो को मज़बूर किया जाता था की वो मौला पर लानत करे और जब अकीदतमंद इंकार करते थे तो उन्हें क़त्ल कर दिया जाता था जैसा हाजर बीन आदी और साथिओ के साथ किया गया।



