🌷🌷🌷🌷🌷सूफी🌹🌹🌹🌹🌹
🌺🌺🌷सूफी तीन तरह के होते है🌹🌹

1 वोह सूफी जो वहदतुल वजूद को मानते है और कलमे को मंशाएं रसूल स अ व के मोताबिक जानते और समझते है इनका अल्लाह आसमान में नही क़ायनात के ज़र्रे ज़र्रे में होता है और यह अपनी ज़िंदगी मे पहले कौसर हसील करते है फिर सलात क़ायम करते है और ज़कात देते है अपने मुर्शीद को वक़्त का मोहम्मद मानते है जैसा कि कलमे से ज़ाहिर है येही हैं जो कलमे रिसालत की तस्दीक करते है और यह सहाबा को फॉलो न करके अहले बैत को फॉलो करते है यह अहले बैत के शैदाई होते है कर्बला इनके दिलों में नक्श होता है येही ईश्क़ वाले मार्फत वाले होते है
2 दो नंबर के सूफी वोह होते है जो सिर्फ सूफियों का लबादा उढे होते है वोह असल मे मोलवी होते है जो ज़यादा पैसा और झूटी सोहरत के लिए होते है और साथ मे असली सूफियो को बदनाम करने और उनके रास्ते मे कांटा बिछाना उनका नसबुल ऐन होता है और लोगों को भटकाना होता है ताकि असली सूफियों का मिशन में रूकावट अति रहे
3 वोह सूफी जो कलमे के राजों से वाकिफ है अपने तरीक़त के हिसाब से कलमे का मफ़हूम समझते है
जो आधा हक़ीक़त होता है और आधा शरीयत होता है वो शरीयत जिसको सहाबा ने बनाय है जो उस को फॉलो करते है जिनका अल्लाह आसमान में ही होता है और सहाबा के बहुत बड़े फॉलोवर होते है यह साहबा के खेलाफ कुछ भी नही सुन सकते इनके दिलों में सहाबा का बहुत एहतराम होता है अहले बैत को मानते है जानते नही… कर्बला के राजो से नावाकिफ होते है

