Day: August 15, 2020
Hadith Jis qaum ke gunaah
Madine ke moti 15
बकरी ज़िंदा हो गई
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♥जंगे अहज़ाब में हज़रत जाबिर राज़ी अल्लाहो अन्ह ने हुज़ूर सरवरे आलम (सल्लल्लाहो तआला अलेह वसल्लम) की दावत की और एक बकरी ज़बह की, हुज़ूर सब सहाबा इकराम की माईयत में जाबिर के घर पहोचे तो जाबिर ने खाना ला कर आगे रखा, खाना थोड़ा था और खाने वाले ज्यादा थे, हुज़ूर ने फ़रमाया थोड़े थोड़े आदमी आते जाओ और बारी बारी खाना खाते जाओ, चुनांचे ऐसा ही हुआ के जितने आदमी खाना खा लेते वो निकल जाते, उसी तरह सब ने खाना खा लिया,
जाबिर फरमाते है के हुज़ूर ने पहले ही फरमा दिया था के कोई सख्स गोश्त की हड्डी न तोड़े, न फेके, सब एक जगह रखते जाए जब सब खा चुके तो आप ने हुक्म दिया के छोटी मोटी सब हड्डिया जमा कर दो, जमा हो गई तो आप ने अपना दस्ते मुबारक उन पर रख कर कुछ पढ़ा आप का दस्ते मुबारक अभी हड्डियों के ऊपर ही था और ज़बाने मुबारक से आप कुछ पढ़ ही रहे थे के वो हड्डिया कुछ का कुछ बनने लगी, यहां तक के गोश्त पोश्त तैयार हो कर कान झाड़ती हुई वो बकरी उठ कड़ी हुई ,
हुज़ूर ने फ़रमाया : “जाबिर! ले ये अपनी बकरी ले जा ”
(दलायल -उल-नबुव्वत सफ़ा २२४ जिल्द २, सच्ची हिकायत नंबर १३, सफ़ा ३७, ३८)
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🦋पोस्ट क्रिएटर (मोहम्मद समीर अली)🦋
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सबक ::
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♥हमारे हुज़ूर सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम मुनब्बअे-अल-हयात है और हयात बख्श है , आप ने मुर्दा दिलो और मुर्दा जिस्मो को भी ज़िंदा फरमा दिया फिर जो लोग (मआज़ अल्लाह ) हुज़ूर को “मर कर मिटटी में मिलने वाला” कहते है किस क़द्र जाहिल और बेदीन है।