💬 हदीसे पाक में है :- हज़रते अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास رضی اللہ تعالی عنہ से रिवायत है कि हुज़ूर ﷺ ने फरमाया ::- “जिसे लड़की हो फिर वोह उसे ज़िन्दा दफन न करे, न उस को ज़लील समझे और न लड़के को उस पर अहमीयत दे तो अल्लाह तआला उस को जन्नत में दाखिल करेगा”।
📒 *(अबू दाऊद शरीफ, जिल्द 3, बाब नं. 48, हदीस नं. 1705, सफा नं. 616)*
इस हदीस से मअलूम हुआ कि बेटे को बेटी से ज़्यादा अहमियत देना मना हैं।बल्कि दोनों के साथ बराबरी का सुलूक करना चाहिये।
💬 हज़रते अनस رضی اللہ تعالی عنہ से रिवायत है कि हुज़रे अकरम ﷺ ने इरशाद फरमाया ::- “जिसने दो लड़कियों की परवरिश किया यहाँ तक के वो बालिग हो
गई तो मैं और वोह क़ियामत के दिन इस तरह क़रीब होंगे” फिर आप ने अपनी दो उँगलियों को मिलाकर बताया।
📒 *(मुस्लिम शरीफ)*