कुछ लोग कहते है के मानते हे हम भी अली काबे में पैदा हुए लेकिन ये कोई हजरत अली की फ़ज़ीलत नहीं हे मुकद्दर है !
तो फिर. मेरे समझ में ये नहीं आया के मुकद्दर जब भी चमका अली का चमका तकदीर जब भी राज़ी हुई अली पे ही राज़ी हुई. ये तो आप लोग खुद ही देख लो….
अली का काबे में आया ~अली का मुकद्दर ~
तीन दिन अली की माँ अल्लाह के घर में बैठी रही ~अली का मुकद्दर ~
तीसरे दिन नबी ने अली को अपने हाथो में उठाया ~अली का मुकद्दर ~
नबी ने अली को अपनी जुबान चुसाई ~अली का मुकद्दर ~
नबी अली को अपने घर लेकर आए ~अली का मुकद्दर ~
झूले में अजहद को दो हिस्सों में चीरकर रख दिया ~अली का मुकद्दर ~
अबू जहल के चेहरे पर तमाचा मारा ~अली का मुकद्दर ~
खजूरों की गुठलियों से मुशरिको के बच्चो से नबी की हिफाज़त करता रहा ~अली का मुकद्दर ~
खतरे की बिस्तर पे मोहम्मद बन कर सो गया ~अली का मुकद्दर ~
नबी की अमानते वापस करता रहा ~अली का मुकद्दर ~
नबी ने अपना भाई बना लिया ~अली का मुकद्दर ~
खैबर का दरवाजा हवा में उड़ा दिया ~अली का मुकद्दर ~
ओहद में काफिरो से नबी को बचा लिया ~अली का मुकद्दर ~
खन्दक में कुल्ले ईमान बना ~अली का मुकद्दर ~
बिस्मिल्लाह का नुक़्ता बना ~अली का मुकद्दर ~
क़ुरान लिखा ~अली का मुकद्दर ~
जहरा जैसी बीवी का शोहर बना ~अली का मुकद्दर ~
हस्सनेन का बाबा बना ~अली का मुकद्दर ~
अर्श पे निकाह हो ~अली का मुकद्दर ~
जिब्राइल का उस्ताद हो ~अली का मुकद्दर ~
कौसर पिलाये ~अली का मुकद्दर ~
ग़दीर में मौला बना ~अली का मुकद्दर ~
नबी के कंधो पे बैठा ~अली का मुकद्दर ~
नबी को ग़ुस्ल दिया ~अली का मुकद्दर ~
नबी का ज़नाज़ा पडा ~अली का मुकद्दर ~
हरामी और हलाली की पहचान बना ~अली का मुकद्दर ~
मुझे तो ऐसा लगता है! मुकद्दर लिखने वाला भी कोई पक्का अली वाला है ! ****** *या नबी शहंशाह* ****** ****** *या अली बादशाह* ***** ****** *मौला मदद** *******