
यज़ीद की मक्कारी इमामे सज्जाद की तीसरी शर्त से साबित हो जाती है जब अहलेबैयत का काफला यज़ीद के दरबारमे आया उसके बाद अहलेबैयत और यज़ीद और यज़ीद के बेटो से काफी तवील बहस हुई इसके बाद जब यज़ीद ने देखा के पल्ला अहलेबैयतकी तरफ भारी हो रहा है तो यज़ीद ने ऐलान कर दिया के शहीदों के सर को 3 दिन तक दमिश्क के बाजार में घुमाया जाए और बाद में महल के दरवाजे पर लटका दिए जाएं ताके लोगोके दिलो में मेरी दहसत बैठ जाये कोई मेरी तरफ आवाज़ उठाने की हिम्मत न करे आखिर 3 दिन तक इस मलऊन के हुक्म से बाज़ारो में शोहदा के सरो को घुमाया गया और फिर महल के दरवाज़ों और छतों पर लटका दिए गए (सुम्मामाज़अल्लाह अस्तगफिरूल्लाह) इसके बाद पलित ने इमामे सज्जाद को बुलाया और कहा के देखो मैं आपके साथ भलाई करना चाहता हु बोलो कुछ ख्वाहिश है इमामे सज्जाद ने फ़रमाया के कल जमुआ है और कल खुतबा देने की इजाज़त मुझे दी जाए यज़ीद ने कुबूल किया वो खुतबा दुनिया भर में मशहूर है इमामे सज्जाद ने ऐसा खुतबा दिया के लोग सर पर मिट्टी डालकर रोने लगे जब यज़ीद ने लोगोका रोना देखा तो मोअज़्ज़िन को अज़ान कहने के लिए कहा मोअज़्ज़िन अज़ान देने लगा इमामे सज्जाद ने उसे खुदा और रसूल के वास्ते दिए लेकिन वो मोअज़्ज़िन नही रुका आखिर अशहदुअन्ना मुहम्मदुर्रसुलुल्लाह पे पोहचा तो इमामे ज़ैनुल आबेदीन रदियल्लाहो अन्हो कहने लगे बताओ अज़ान में नाम मेरे नाना का आता है या तेरे और बाद में यज़ीद ज़बरदस्ती इक़ामत की अज़ान देने लगा इमामे सज्जाद वही मिम्बर पर बैठे रहे उनके पीछे नमाज़ न पढ़ी जब नमाज़ हो गई तो इमामे सज्जाद को वापस दरबार मे बुलाया और यज़ीद कहने लगा मैं आपके साथ भलाई करना चाहता हु बोलो कुछ ख्वाहिश है ? इमामे सज्जाद ने 3 शर्त रखी और कहने लगे मेरी 3 शर्त है इसको पूरी कर 1- मेरे दादी सैयदा के काएनात खातूने जन्नतकी चादर मुबारक जो उनको रसूलल्लाह ﷺ ने जहेज़ में दी थी जिसपे 70 पेवन्द लगे थे (एक रिवायत में 72 है) हम मदीने से लाये थे जब हमारे खेमे सिपाही लूटने लगे तो एक शख्स ने वो चादर ए पाक ले गया था और वो हमारे साथ यहां दमिश्क आया हुवा है वो चादर मुझे चाहिए। 2-शहीदों के सर मेरे हवाले किये जायें ताके इनकी तदफिन कर सकू 3-मेरे बाबा के कातिलों को मेरे हवाले किये जायें ताके मैं अपने हाथों से उनकी गर्दने उड़ा दु जब तीसरी शर्त इस पलित ने सुनी तो मुकर गया और कहने लगा आपकी 2 शर्त मंज़ूर है तीसरी शर्त आपकी पूरी नही हो सकती.. ये वाकिये बता रहे है के यज़ीद कातिले हुसैन है यज़ीद मरदूद 👹 तुझपर और तेरे चेलो 👺👺 पर बेशुमार हज़ारबार लानत हो।

