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1. ला इलाहा इल्लल्लाह । [नसाइ: 10670]
2. अशहदू अन ला इलाहा इल्लल्लाहु वा अशहदू अन्ना मूहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहु । [तिर्मिज़ी: 2639]
3. अल्हम्दुलिल्लाह । [मुस्लिम: 233]
4. सूब्हानअल्लाही वबिहम्दिही, सूब्हानअल्लाहील अज़ीम । [बुखारी: 6406]
5. सूब्हानअल्लाह, अल्हम्दुलिल्लाह, ला इलाहा इल्लल्लाह और अल्लाहु अकबर । [इब्न हब्बान: 833]
मिज़ान: उस तराज़ु को कहते हैं जिस मे क़यामत के दिन आमाल तौले जाएँगे ।
हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं – क़यामत के दिन लोगों का हिसाब लिया जाएगा जिस आदमी के गुनाहों से एक नेकी भी ज़्यादा हो गई वह जन्नत मे दाख़िल होगा और जिस आदमी की नेकीयों से एक गुनाह भी ज़्यादा हो गया वह जहन्नम मे दाख़िल होगा । [इब्न मुबारक]
और हमेशा याद रखो – मिज़ान मे अच्छे अख़लाक़ से ज़्यादा वज़नी कोई चिज़ नही । [अबु दाऊद: 4799]
ऐ अल्लाह! हमें कसरत से इन कलमात को पढ़ने और अपने अख़लाक़ को अच्छे से अच्छा बनाने की तौफ़ीक़ अता फ़रमा । आमीन

