Day: July 23, 2019
Mere Mawla Ali Alaihissalam
ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती ने फ़रमाया
शाह अस्त हुसैन, बादशाह अस्त हुसैन
दीन अस्त हुसैन, दीने-पनाह हुसैन
सरदाद न दाद दस्त, दर दस्ते-यज़ीद
हक़्क़ा के बिना, लाइलाह अस्त हुसैन…
हज़रत सय्यद ख्वाजा गरीब नवाज (र.अ) #मोला #अली (अ.स.) की शान में क्या
फरमाया है!!
औसाफ़ ए अली (अ.स.) बा गुफ्तगू मुमकिन नैसत.
गुंजाईश ए बहर ए दर, सुबु मुमकिन नैसत.
मन ज़ात ए अलीरा बा वज़िबि के दानम.
इल्ला दानम के मिसले उव मुमकिन नैसत..
तर्जुमा
अली (अ.स.) कि तारीफ़ लफ्ज़ो में बयान करना मुमकिन नहीं,
जिस तरह समुन्द्र काँसे में समां नहीं सकता ,
में नहीं जानता अली (अ.स.) को जितना मुझे जानने का हक़ है!
बस इतना जानता हु के उनकी कोई मिसाल नहीं!!
“”””””””” या ख्वाजा गरीब नवाज”””””””
(या अली मदद)
(मौला मदद)