
*بِسْمِ اللٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ*
इरशादे बारी तआ़ला है:
“पस तुम अल्लाह की बारगाह से रिज़्क़ तलाश किया करो और उसी की इ़बादत किया करो और उसी का शुक्र बजा लाया करो तुम उसी की त़रफ़ पल्टाए जाओगे।”
[अल अ़न्कबूत, 29: 17]
ह़ुज़ूर नबिय्ये अकरम ﷺ ने फ़रमाया:
“रिज़्क़ को ज़मीन के पोशीदा सरमाए में तलाश करो।”
[अबू या’ला, अल मुस्नद, रक़म: 4384]
ह़ुज़ूर नबिय्ये अकरम ﷺ ने फ़रमाया:
“रिज़्क़े ह़लाल की तलाश फ़र्ज़ इ़बादत के बा’द (सब से बड़ा) फ़रीज़ा है।”
[त़बरानी, अल मु’जमुल कबीर, रक़म: 9993]