
*بِسْمِ اللٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ*
ह़ुज़ूर नबिय्ये अकरम ﷺ ने फ़रमाया:
“ह़ुज़ूर नबिय्ये अकरम ﷺ ने धोके कि बैए़# से मन्अ़ फ़रमाया है।”
[मुस्लिम, अस़्स़ह़ीह़, रक़म: 1513]
ह़ुज़ूर नबिय्ये अकरम ﷺ ने फ़रमाया:
“आदमी का अपने हाथ से काम और बैए़ मबरूर (अफ़्ज़ल तरीन कमाई है)।”
[त़बरानी, अल मु’जमुल औसत़, रक़म: 2140]
बैए़ मबरूर की वज़ाहत करते हुवे शैख़ अ़ब्दुर्रह़मान अल जज़ीरी लिखते हैं:
“और बैए़ मबरूर ऐसी तिजारत को कॅहते हैं जो धोका, ख़ियानत और अल्लाह की मई़स़त से पाक हो।”
[जज़ीरी, अल फ़िक़्हु अ़ला अल मज़ाहिबिल अरबआ़, 2: 153]