
अली बिन ईसा
(ग्यारहवीं शताब्दी)
हकीम अली बिन ईसा की गिनती इस्लामी युग के महान वैज्ञानिक और चिकित्सक के रूप में की जाती है। वह ग्यारहवीं शताब्दी के नामी नेत्र चिकित्सक माने जाते हैं। उनकी पुस्तक ‘तजकिरतुल कोहलेन’ नेत्र चिकित्सा पर उच्चकोटि की पुस्तक कही जाती है। यह पुस्तक तीन खण्डों में है। प्रथम खण्ड में आँख की रचना का पूर्ण वर्णन है, दूसरे भाग में आँख की उन बीमारियों की जानकारी है जो नज़र आ जाती हैं और तीसरे भाग में आँख के अन्दरूनी रोगों के बारे में बताया गया है जिनका बाहर से पता नहीं चलता। उनकी पुस्तक में आँख की लगभग 130 बीमारियों की जानकारी है और 143 ऐसी दवाओं के बारे में बताया गया है जो नेत्र रोगों में लाभकारी हैं।
इस पुस्तक में नेत्र रोगियों के लिए लाभकारी खाद्य पदार्थों की विस्तार से जानकारी दी गई है।
1499 ई० में यह पुस्तक लातीनी भाषा में प्रकाशित हुई। 1903 ई. में इसका फ्रेंच भाषा में अनुवाद किया गया और 1904 ई० में जर्मन भाषा में।
अली बिन ईसा को यूरोप वाले जेसूहाली (Jesuhalie) के नाम से जानते हैं। आपका जन्म तो एक ईसाई घराने में हुआ था लेकिन बाद में इस्लाम कुबूल कर लिया था। उनकी जन्म तिथि का कुछ पता नहीं बस इतनी जानकारी है कि उन्होंने ख़लीफ़ा क़ादिर अब्बासी और ख़लीफ़ा कायम अब्बासी के शासनकाल में बग़दाद में जीवन व्यतीत किया। कहा जाता है उन्होंने पहली बार पैराशूट बनाया।
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