*तालीम व तस्नीफ़ की फ़ज़ीलत
2️⃣ हदीस शरीफ़
हज़रत अनस रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से मरवी है के रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया👇
क्या तुम लोग जानते हो सबसे बड़ा सख़ी कौन है,
सहाबा ने अर्ज़ किया अल्लाह और उसके रसूल ज़्यादा जानने वाले हैं,
फ़रमाया अल्लाह सबसे बड़ा जव्वाद है,
फिर इंसान में सबसे ज़्यादा सख़ी में हूं, और मेरे बाद सबसे ज़्यादा सख़ी वो शख़्स है के जिसने इल्मे दीन हासिल किया तो उसको फैलाया वो अकेला अमीर होकर आएगा या जमाअत की हैसियत से,
📗मिश्कात शरीफ़, सफ़ह 37)
हज़रत फ़क़ीहे मिल्लत मुफ़्ती जलालुद्दीन अहमद अमजदी अलैहिर्रहमा फ़रमाते हैं👇
इस हदीस शरीफ़ का मतलब ये है के दर्स व तदरीस या तस्नीफ़ व तालीफ़ से जो शख़्स इल्मे दीन फैलाएगा वो क़ियामत के दिन बड़ी शान व शौकत और जाहो हश्मत के साथ आएगा,
📘इल्म और उल्मा, सफ़ह 86–87)
3️⃣ हदीस शरीफ़,
हज़रत अबू दरदा रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से रिवायत है के हुज़ूर अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया👇
अल्लाह तआला के नज़दीक क़ियामत के दिन बहुत बुरे दर्जा वाला वो आलिम होगा जिसके इल्म से फ़ायदा ना उठाया जाए,
📗मिश्कात शरीफ़, सफ़ह 37)