दोस्त वह है जो अपने दोस्त का हाथ
परेशानी और तंगी में पकड़ता है
मौला अली ,फरमाने मौला अली a.s
जब मेरी दुआ कुबूल होती है तो मैं खुश होता हूं क्यों के ईसमें मेरी मरज़ी है और जब कुबूल नहीं होती तो मैं और भी खुश होता हूं क्यों के उसमें अल्लाहकी मरज़ी है.
बद तरीन दोस्त वह है ,
जो
तुम को गलत काम पे राज़ी करे ,
मौला अलीअगर तुम हक़ ही को नहीं पहचानते हो तो क्या जानो के हक़दार कौन है और बातिल ही को नहीं जानते हो तो क्या जानो के बातिल परस्त कौन है!
*मौला अली अलैहिसलाम☝🏻*लोगों पर एक ऐसा मुश्किल समय आने वाला है कि जब मालदार अपने माल में कंजूसी करेगा हालांकि उसे ऐसा करने से मना किया गया है। अल्लाह पाक ने कहा है, आपस में एक दूसरे को अपना माल देने को भूलो मत। उस ज़माने में बुरे लोग अधिक हो जाएँगे और अच्छे लोग अपमानित होंगे। और मजबूर व बेबस लोगों के साथ ख़रीद फ़रोख़्त की जाए गी जबकि आक़ा रसूल ए खुदा ﷺ ने मजबूर लोगों का माल सस्ते दामों में ख़रीदने को मना फ़रमाया है।
*मौला अली अलैहिसलाम☝🏻*
तुम्
हारा कोई शहर दूसरे शहर से अच्छा नहीं है। तुम्हारे लिए सब से अच्छा शहर वो है जो तुम्हारा बोझ उठाए (अर्थात जहाँ तुम्हारा रोज़गार हो)।
*मौला अली अलैहिसलाम*


