गौर ओ फिक्र की बात है सुन्नीयों

*क्या हम सैय्यदना इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम के बड़े भाई और उम्मत के पांचवें ख़लीफ़ा ए राशिद सैय्यदना इमाम हसन अलैहिस्सलाम को भूल गए हैं ???*

रोज़े क़यामत अगर रसूलुल्लाह صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم ने हमसे पूछ लिया कि मैंने तो अपने दोनों नवासों को लुआब ए दहेन कि घुट्टी दी थी दोनों को अपने कांधे मुबारक पर उठाया था दोनों को जन्नत का सरदार बनाया था तो *तुम लोगों ने मेरे “हसन” को क्यों फ़रामोश कर दिया क्यों भुला दिया ???*

*याद रहे आपकी शहादत 28 सफ़र को हुई*
(28 सफ़र यौमे शहादत सैय्यदना इमाम हसन अलैहिस्सलाम)

*सैय्यदना इमामे हसन उम्मत के पांचवें ख़लीफ़ा ए राशिद हैं आप मनसब ए ख़िलाफ़त पर तक़रीबन 6 माह फ़ाइज़ रहे और इमामत पर हमेशा फ़ाइज़ रहेंगे*

*सैय्यदना इमामे हसन ने उम्मत को बचाने की लिए इख़्तेदार को ठोकर मार दी ताकि मुसलमानों का ख़ून न बहे*

*सैय्यदना इमामे हसन के ज़िक्र को दुश्मने अहलेबैत दबाते छुपाते हैं*
याद रहे हदीस ए रसूल ﷺ है कि मेरे बाद ख़िलाफ़त 30 साल तक रहेगी फिर बादशाहत का दौर शुरू होगा (मुसन्द अहमद,तिर्मिज़ी,अबु दाऊद)

सही रिवायतों और मुस्तनद तारीख़ी किताबों में ख़िलाफ़त ए राशिदा की 30 साल तक कि मुद्दत को इस तरह बयान किया गया है

1- हज़रत अबु बकर सिद्दीक़ रदिअल्लाहो अन्हो की ख़िलाफ़त का ज़माना 2 साल 4 माह
2- हज़रत उमर फ़ारूक़ रदिअल्लाहो अन्हो की ख़िलाफ़त का ज़माना 10 साल 6 माह
3- हज़रत उस्मान ए ग़नी रदिअल्लाहो अन्हो की ख़िलाफ़त का ज़माना चन्द रोज़ कम 12 साल
4- हज़रत मौला अली कर्मअल्लाहो वजहुल करीम की ख़िलाफ़त का ज़माना 4 साल 9 माह
इस तरह चारो ख़ुल्फ़ा की मुद्दत ए ख़िलाफ़त तक़रीबन
29 साल 7 माह बनती है
*5- हज़रत सैय्यदना इमामे हसन अलैहिस्सलाम की ख़िलाफ़त का ज़माना 5 माह चन्द दिन (आपकी ख़िलाफ़त के ज़माने को मिला कर ख़िलाफ़त ए राशिदा के 30 साल मुकम्मल हुए)*

सैय्यदना इमामे हसन अलैहिस्सलाम इस उम्मत के दूसरे इमाम और पांचवे ख़लीफ़ा ए राशिद हैं
سنی حسینی مش مالیگاؤں
مہاراشٹر الہند
*. 🤔गौर ओ फिक्र की बात है सुन्नीयों😔*

*ये माह ए सफर उल मुजफ्फर का महीना है और इसका आखरी असरा हैं*
*बहुत से औलिया अल्लाह का उर्स मनाया गया इस महीने में और बेशक मनाना चाहिए*

*मगर दयानतदारी से बताये क्या इस महीने में अमीरुल मोमिनीन सिब्ते रसुल सरदार ए नोंजवान ए जन्नत सुल्तान उल औलिया इमाम हसन अल मुज्तबा का जिक्र किया आपने*❓❓ *(इल्ला माशा अल्लाह, कुछ खुश नशीबों ने किया)*

*इस महीने की 28 तारीख खलिफतुल मुस्लेमीन अमीरुल मोमिनीन हजरत सैय्यदना हसन ए मुज्तबा की शहादत से है*

*सुन्नीयों याद रखों इस सफर के महीने को सबसे पहली निस्बत इमाम हसन ए मुज्तबा से है,उसके बाद दूसरे औलिया अल्लाह से*

*इतने जुम्मा चले गये पर किसी मिम्बर पर खिताब करने वाले मुफ्ती मौलाना को तौफीक नही हुई के इमाम हसन का ज़िक्र करें, उनके फजाइल, उनकी करामात,उनकी सीरत,उनकी सूरत, शहादत, कुर्बानी पर बयान करें 😔* *(इल्ला माशा अल्लाह कुछ खुश नशीबों ने की)*

*गुलामों का उर्स मनाया, बादशाहों को भूल गये 😔* ❓❓(इल्ला माशा अल्लाह)

*जन्नतियों का उर्स मनाया,जन्नत के सरदार को भूल गये 😔*❓❓(इल्ला माशा अल्लाह)

*मोमिनीन का उर्स मनाया, अमीरुल मोमिनीन को भूल गये😔*❓❓(इल्ला माशा अल्लाह)

*गुलाम ए रसूल का उर्स मनाया, शहजाद ए रसूल को भूल गये 😔*❓❓(इल्ला माशा अल्लाह)

*जीनकी मुहब्बत अल्लाह ने फर्ज की है उनकी याद मनाना भूल गये 😔*❓❓ (इल्ला माशा अल्लाह)

*औलियाओं का उर्स मनाया, सरदार ए औलिया को भूल गये😔*❓❓(इल्ला माशा अल्लाह)

*जिनके सदके कायनात में विलायत मिलती हैं उस इमाम को भूल गये😔*❓❓

*सुन्नीयों क्या यहीं हैं इश्क ए अहलेबैत 😔*❓❓

*बहुत से पोस्ट आयें हैं व्हाट्सअप और सोशियल मीडिया पर के इनका उर्स हैं, उनका उर्स हैं.*

*और करना भी चाहिये. पर एक भी पोस्ट आपने इमाम हसन ए पाक के ताल्लूक से किया 😔*❓❓ ( इल्ला माशा अल्लाह, कुछ खुश नशीबों को छोड़कर)

*अहलेबैत की मुहब्बत अस्ल ए ईमान हैं*

*कीसी पर तनक़ीद करना मकसद नहीं*

*बेशक औलिया अल्लाह का उर्स मनाना चाहिए पर उन से पहले इमाम उल औलिया सैय्यदना इमाम हसन ए मुज्तबा का उर्स मनाओं*

*माह ए सफर की इब्तेदा इमाम हसन ए मुज्तबा के ज़िक्र से हो और इंतेहा भी उनके ज़िक्र से हो*

*बुरा मान ने वाली बात नहीं है*

*अल्लाह जल्ला जलालहु अपने हबीब के सदके तुफैल हमें हकीकी मानों में मुहिब् ए अहलेबैत बनाये. आमीन*

✋ याद रहें ये तारीख ✋

👉 28 *सफर उल मुजफ्फर यौम ए शहादत अमीरुल मोमिनीन खलिफतुल मुस्लेमीन सिब्ते रसुल सरदार ए नोंजवान ए जन्नत सुल्तान उल औलिया इमाम हसन अल मुज्तबा अलैहिस्सलाम व रदियल्लाहो ता’अला अन्हु*

*सल्लाहु अलैही व आलैही व सल्लिम*🌹

*ज़रूर नजर करें और ज़िक्र ए इमाम हसन अलैहिस्सलाम करें*
*गदा-ए-अहलेबैत*

*क्या हम सैय्यदना इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम के बड़े भाई और उम्मत के पांचवें ख़लीफ़ा ए राशिद सैय्यदना इमाम हसन अलैहिस्सलाम को भूल गए हैं ???*

रोज़े क़यामत अगर रसूलुल्लाह صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم ने हमसे पूछ लिया कि मैंने तो अपने दोनों नवासों को लुआब ए दहेन कि घुट्टी दी थी दोनों को अपने कांधे मुबारक पर उठाया था दोनों को जन्नत का सरदार बनाया था तो *तुम लोगों ने मेरे “हसन” को क्यों फ़रामोश कर दिया क्यों भुला दिया ???*

*याद रहे आपकी शहादत 28 सफ़र को हुई*
(28 सफ़र यौमे शहादत सैय्यदना इमाम हसन अलैहिस्सलाम)

*सैय्यदना इमामे हसन उम्मत के पांचवें ख़लीफ़ा ए राशिद हैं आप मनसब ए ख़िलाफ़त पर तक़रीबन 6 माह फ़ाइज़ रहे और इमामत पर हमेशा फ़ाइज़ रहेंगे*

*सैय्यदना इमामे हसन ने उम्मत को बचाने की लिए इख़्तेदार को ठोकर मार दी ताकि मुसलमानों का ख़ून न बहे*

*सैय्यदना इमामे हसन के ज़िक्र को दुश्मने अहलेबैत दबाते छुपाते हैं*
याद रहे हदीस ए रसूल ﷺ है कि मेरे बाद ख़िलाफ़त 30 साल तक रहेगी फिर बादशाहत का दौर शुरू होगा (मुसन्द अहमद,तिर्मिज़ी,अबु दाऊद)

सही रिवायतों और मुस्तनद तारीख़ी किताबों में ख़िलाफ़त ए राशिदा की 30 साल तक कि मुद्दत को इस तरह बयान किया गया है

1- हज़रत अबु बकर सिद्दीक़ रदिअल्लाहो अन्हो की ख़िलाफ़त का ज़माना 2 साल 4 माह
2- हज़रत उमर फ़ारूक़ रदिअल्लाहो अन्हो की ख़िलाफ़त का ज़माना 10 साल 6 माह
3- हज़रत उस्मान ए ग़नी रदिअल्लाहो अन्हो की ख़िलाफ़त का ज़माना चन्द रोज़ कम 12 साल
4- हज़रत मौला अली कर्मअल्लाहो वजहुल करीम की ख़िलाफ़त का ज़माना 4 साल 9 माह
इस तरह चारो ख़ुल्फ़ा की मुद्दत ए ख़िलाफ़त तक़रीबन
29 साल 7 माह बनती है
*5- हज़रत सैय्यदना इमामे हसन अलैहिस्सलाम की ख़िलाफ़त का ज़माना 5 माह चन्द दिन (आपकी ख़िलाफ़त के ज़माने को मिला कर ख़िलाफ़त ए राशिदा के 30 साल मुकम्मल हुए)*

सैय्यदना इमामे हसन अलैहिस्सलाम इस उम्मत के दूसरे इमाम और पांचवे ख़लीफ़ा ए राशिद हैं
سنی حسینی مش مالیگاؤں
مہاراشٹر الہند
*. 🤔गौर ओ फिक्र की बात है सुन्नीयों😔*

*ये माह ए सफर उल मुजफ्फर का महीना है और इसका आखरी असरा हैं*
*बहुत से औलिया अल्लाह का उर्स मनाया गया इस महीने में और बेशक मनाना चाहिए*

*मगर दयानतदारी से बताये क्या इस महीने में अमीरुल मोमिनीन सिब्ते रसुल सरदार ए नोंजवान ए जन्नत सुल्तान उल औलिया इमाम हसन अल मुज्तबा का जिक्र किया आपने*❓❓ *(इल्ला माशा अल्लाह, कुछ खुश नशीबों ने किया)*

*इस महीने की 28 तारीख खलिफतुल मुस्लेमीन अमीरुल मोमिनीन हजरत सैय्यदना हसन ए मुज्तबा की शहादत से है*

*सुन्नीयों याद रखों इस सफर के महीने को सबसे पहली निस्बत इमाम हसन ए मुज्तबा से है,उसके बाद दूसरे औलिया अल्लाह से*

*इतने जुम्मा चले गये पर किसी मिम्बर पर खिताब करने वाले मुफ्ती मौलाना को तौफीक नही हुई के इमाम हसन का ज़िक्र करें, उनके फजाइल, उनकी करामात,उनकी सीरत,उनकी सूरत, शहादत, कुर्बानी पर बयान करें 😔* *(इल्ला माशा अल्लाह कुछ खुश नशीबों ने की)*

*गुलामों का उर्स मनाया, बादशाहों को भूल गये 😔* ❓❓(इल्ला माशा अल्लाह)

*जन्नतियों का उर्स मनाया,जन्नत के सरदार को भूल गये 😔*❓❓(इल्ला माशा अल्लाह)

*मोमिनीन का उर्स मनाया, अमीरुल मोमिनीन को भूल गये😔*❓❓(इल्ला माशा अल्लाह)

*गुलाम ए रसूल का उर्स मनाया, शहजाद ए रसूल को भूल गये 😔*❓❓(इल्ला माशा अल्लाह)

*जीनकी मुहब्बत अल्लाह ने फर्ज की है उनकी याद मनाना भूल गये 😔*❓❓ (इल्ला माशा अल्लाह)

*औलियाओं का उर्स मनाया, सरदार ए औलिया को भूल गये😔*❓❓(इल्ला माशा अल्लाह)

*जिनके सदके कायनात में विलायत मिलती हैं उस इमाम को भूल गये😔*❓❓

*सुन्नीयों क्या यहीं हैं इश्क ए अहलेबैत 😔*❓❓

*बहुत से पोस्ट आयें हैं व्हाट्सअप और सोशियल मीडिया पर के इनका उर्स हैं, उनका उर्स हैं.*

*और करना भी चाहिये. पर एक भी पोस्ट आपने इमाम हसन ए पाक के ताल्लूक से किया 😔*❓❓ ( इल्ला माशा अल्लाह, कुछ खुश नशीबों को छोड़कर)

*अहलेबैत की मुहब्बत अस्ल ए ईमान हैं*

*कीसी पर तनक़ीद करना मकसद नहीं*

*बेशक औलिया अल्लाह का उर्स मनाना चाहिए पर उन से पहले इमाम उल औलिया सैय्यदना इमाम हसन ए मुज्तबा का उर्स मनाओं*

*माह ए सफर की इब्तेदा इमाम हसन ए मुज्तबा के ज़िक्र से हो और इंतेहा भी उनके ज़िक्र से हो*

*बुरा मान ने वाली बात नहीं है*

*अल्लाह जल्ला जलालहु अपने हबीब के सदके तुफैल हमें हकीकी मानों में मुहिब् ए अहलेबैत बनाये. आमीन*

✋ याद रहें ये तारीख ✋

👉 28 *सफर उल मुजफ्फर यौम ए शहादत अमीरुल मोमिनीन खलिफतुल मुस्लेमीन सिब्ते रसुल सरदार ए नोंजवान ए जन्नत सुल्तान उल औलिया इमाम हसन अल मुज्तबा अलैहिस्सलाम व रदियल्लाहो ता’अला अन्हु*

*सल्लाहु अलैही व आलैही व सल्लिम*🌹

*ज़रूर नजर करें और ज़िक्र ए इमाम हसन अलैहिस्सलाम करें*
*गदा-ए-अहलेबैत*

Leave a comment