क्या_याजूज़_माजूज़_आ_गए?

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अल-अंबिया (Al-‘Anbya’):95 – और किसी बस्ती के लिए मुमकिन नही है जिसे हमने बर्बाद कर दिया कि उसके लोग वापस लौटे

अल-अंबिया (Al-‘Anbya’):96 – यहाँ तक कि वह समय आ जाए जब याजूज और माजूज खोल दिए जाएँगे। और वे हर ऊंची जगह से उतरते नज़र आये

अभी तक जहाँ तक पढ़ा और जाना है उसमे मुझे ये पता चला कि ज़ुलकरनैन ईरान का बादशाह था और उसने जब सफर शुरू किया वो पहले गया जार्ज डेनियल पर्वत ये इलाका जॉर्जिया में है जहाँ उसने सूरज को एक कौम के ऊपर निकलते देखा उसके बाद वो काला सागर आया जहाँ उसने सूरज को धुंए दार पानी मे डूबते देखा और फिर उसने सफर किया और पहुंचा काकेशस जार्ज डेनियल पर्वत के बीच तो वहाँ के लोगो ने कहा कि याजूज माजूज ज़मीन पर बड़े फसादी है और फिर उसने एक दीवार बनाई जो दोनो पहाड़ो के बीच बनाया और फिर इलाका खज़र एम्पायर के नाम जाना गया जो बिल्कुल खानाबदोश लोग थे ।

कई लोगो का मानना है कि याजूज माजूज दरअसल “हूण” लोग है जिन्हें बरहमना गोर नामी ईरानी राजा ने भगाया था यहाँ तक कि वो कृष्णा सागर यानी कैस्पियन सागर के आस पास बस गए और रोमन लोग ने भी चैन की सांस ली हालांकि ये बात मिलती जुलती है ।

हूण और याजूज माजूज के बारे में कॉमन चीज़ ये है कि इन लोगो का धर्म कोई नही था और इनका मकसद सिर्फ हुकमत करना था और इसके लिए वो हर चीज़ करने को तैयार थे ।

कई भारती इतिहास कार कहते है कि जब हूण लोगो ने भारत पर हमला किया 400 ईसा पूर्व तो उन्होंने मंदिर तोड़े मगर अपना कोई इबादत घर नही बनाया और बाद में खुद भी हिन्दू हो गए इसी तरह वो जिस इलाके पर कब्ज़ा पाते बाद में उसी धर्म को अपना लेते ।

अल्लाह ने सूरे बनी इस्राईल में हमे बताया है कि बनी इस्राईल को अल्लाह ने दो बार अज़ाब दिया उनको वहाँ से निकाल दिया गया ख़ास कर किंग टाइटस ने 70 ईस्वी में युरेशलम पर हमला किया और यहूदिओ वहाँ से मार के भगा दिया तब से ले कर और सन 1948 तक कोई यहूदी वहाँ रह नही सकता था यहाँ तक कि जब हज़रत उमर ने फतह किया तो यहूदिओ को सिर्फ इबादत करने की इजाज़त थी ।

अल्लाह ने ये बात ऊपर लिखी आयत में साफ बता दिया है कि अल्लाह जिस बस्ती पर अज़ाब लाता है उसके लोग वापस नही आते मगर एक बस्ती के लोग वापस आएंगे जब याजूज माजूज आ जाएंगे और ये बात आज साफ है कि यहूदी आज वहां आबाद हो चुके है तो इसका मतलब याजूज माजूज आ गए ?

तो इस पर मेरा जवाब है हा

ये बात बिल्कुल प्रूफ हो चुकी है बर्तानिया हुकूमत के बाप दादा उसी खज़र एम्पायर से ताल्लुक रखते है जहाँ पर उन्हें कैद किया गया था और बर्तानिया के लोग निकले है तो इतनी तेजी से वो दुनिया पर काबिज़ हुए जिसका कोई हिसाब नही जिसको क़ुरान कहता है कि हर बुलंदी से उतरते नज़र आएंगे जैसे कोई इंसान पहाड़ से उतरे तो उसके उतरने में कितनी तेज़ी होती है ।

जब बर्तानिया ने 1908 में इस बात का एलान किया कि हम चाहते है कि यहूदियों को उनका घर युरेशलम दिया जाए तो लोगो इस बात पे हैरत हुई कि जिस हुकूमत को धर्म से कोई लेना देना नही वो यहूदिओ को इतना प्यार क्यों करते है उसके बाद अमेरिका ने भी इसका एलान किया जबकि अमेरिका तो एक ईसाई मुल्क है इसे यहूदिओ से मुहब्बत क्यों है ?

इस बात को अल्लामा इक़बाल समझ चुके थे क्या खूब कहा उन्होंने

” खुल गए है लश्करे याजूज माजूज तमाम’
“देखले चश्मा ए मुस्लिम तफ़्सीर हर्फे यनसेलून
” (सूरे अम्बिया आयत 95 )

जब इस्राईल बन गया तो बहुत बड़ी तादाद में व्हाइट युरेपियन यहूदी इसराइल में आ गए और फिर धीरे धीरे उन्हीने इस्राईल पर अपनी हुकूमत बना ली यही वजह है कि इब्राहीमी यहूदी युरेपियन यहूदिओ को यहूदी नही मानते और उनके खिलाफ रहते है ।

एक तरफ अमेरिका में इन्होंने ईसाई बन कर हुकूमत संभाल ली और यहाँ यहूदी

और इन्होंने ला दीन ला मज़हब हुकूमत को पूरी दुनिया पर मुसल्लत किया जिसको डेमोक्रेसी कहते है और सारी दुनिया मे फसाद बरपा रखा है ।

दौरे जदीद में जयिनिस्ट मोमेंट इनका सबसे बड़ा हथियार है और यहूदी ईसाई गठजोड़ है जिसे वाइट युरेपियन लोगो ने कर रखा है असल मे याजूज माजूज का ही लश्कर है ।

जिन्होंने अल्लाह की हर हराम चीज़ को हलाल कर दिया है यही वो फसाद है जो पूरी दुनिया मे है
इसी को अल्लाह ने कहा है कि याजूज माजूज बड़े फसादी है ।

अल्लाह के नबी ने फरमाया जो जिस कौम की इत्तिबा करेगा उसी में से होगा

डेमोक्रेसी याजूज माजूज की इत्तिबा है ।

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