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!!इब्ने ज्याद का खत!!
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♥️हजरत इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) ने मकामे करबला मे क्याम फरमाये तो इब्ने ज्याद ने एक खत हजरत इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) की तरफ इस मजमुन का भेजा की या तो यजीद की बैअत कीजीये या लड़ने को तैयार हो जाइये,
हजरत इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) ने उस खत को पढ़कर फेंक दिया और कासीद से फरमाया :- मेरे पास इसका कोई जवाब नही, इब्ने–ज्याद यह सुनकर गुस्से मे आ गया, इब्ने सअद को बुलाकर कहा की तुम एक मुद्दत से मुल्क रय के हाकीम बनने की तमन्ना रखते हो, लो आज मौका है, तुम हुसैन के मुकाबले के लिये जाओ और हुसैन को मजबुर करो की वह यजीद की बैअत करे वरना उसका सर काटकर ले आओ, दनियां के कुत्ता इब्ने सअद मुल्क रय की हुकुमत की लालच मे आकर हजरत इमाम (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) के मुकाबले को तैयार हो गया, करबला मे पहुंचकर उसने हजरत इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) से दर्फयात किया, की आप यह किस वास्ते से आये है…??
आपने फरमाया : “कुफीयों ने खुतुत लिखकर मुझे बुलाया मै खुद यहां नही आया मगर अब जबकी तुम सब को बेवफाई मुझे मालुम हो गयी है तो मुझे अब भी तुम लोग वापस जाने दो और मुझसे मुकाबले मे न आओ,
इब्ने सअद ने हजरत इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) की गुफ्तगु की इत्तिला इब्ने ज्याद को दी तो इब्ने ज्याद ने गुस्से से हुक्म भेजा की तुम्हे हुसैन से लड़ने को भेजा है सुलाह करने नही भेजा, हम सिवा बैअत के हुसैन से कुछ भी कबुल नही करेंगे फिर इब्ने ज्याद ने शिमर शैत वगैरह जालीमो को सरदार बनाकर हजारो की तदाद मे और भी फौज भेज दी, और हुक्म दिया की हुसैन का पानी भी बंद कर दिया जाये और उसे हर तरह से तंग किया जाये…!!
(तकीहुश-शहादतैन, सफा-56,)
♥️सबक : हजरत इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) दीन के लिये मैदान मे तशरिफ लाये और इब्ने सअद वगैरह यजीदी लोग दुनियावी हुकुमत के लालच मे हजरत इमाम के मुकाबले आये,
यह भी मालुम हुआ की हजरत इमाम हुसैन (रजी अल्लाहु तआला अन्हु) आखिर तक उन पर इत्तामे हुज्जत फरमाते रहे की तुम अगर अब भी मुकाबले मे न आओ तो मै वापस चला जाऊं मगर वह लोग खुद ही इस फित्ने के पैदा करने वाले थे…!!

