
हज़रत अली रदिअल्लाह अन्हु फरमाते हैं हर दुआ उस वक़त तक परदाये हिजाब मे रहती है जब तक हुज़ूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व आलिही वसल्लम पर और आपके अहले बैत पर दुरूद न भेजा जाय (तिबरानी, अल मोजमुल अवसत 1:220, रकम 721)


हज़रत अली रदिअल्लाह अन्हु फरमाते हैं हर दुआ उस वक़त तक परदाये हिजाब मे रहती है जब तक हुज़ूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व आलिही वसल्लम पर और आपके अहले बैत पर दुरूद न भेजा जाय (तिबरानी, अल मोजमुल अवसत 1:220, रकम 721)

