
तरजमा : हज़रत अब्दुर्रहमान बिन अबी नेअम रज़ि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि एक इराकी ने हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ि अल्लाहु अन्हुमा से पूछा कि कपड़े पर मच्छर का खून लग जाए तो क्या हुक्म है? हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर रजि अल्लाहु अन्हुमा ने फरमाया : उसकी तरफ देखो, मच्छर के खून का मस्अला पूछता है हालांकि उन्होंने हुजूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बेटे (हुसैन) को शहीद किया है और मैंने हुजूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम
को फरमाते हुए सुना : हसन और हुसैन ही तो मेरे गुलशने दुनिया के दो फूल हैं। इस हदीस को इमाम तिर्मिजी, निसई और अहमद ने रिवायत किया है और इमाम तिर्मिज़ी ने फरमाया कि यह हदीस सही है।
तरजमा : हज़रत सअद बिन अबी वकास रज़ि अल्लाहु अन्हु बयान करते हैं कि जब आयते मुबाहिला : आप फरमा दें आओ हम अपने बेटों को बुलाते हैं और तुम अपने बेटों को बुलाओ, नाज़िल हुई तो हुजूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत अली, हज़रत फ़ातिमा, हज़रत हसन और हुसैन रज़ि अल्लाहु अन्हुम को बुलाया, फिर फरमाया : या अल्लाह! यह मेरे अल (बैत) हैं। इस हदीस को इमाम मुस्लिम और इमाम तिर्मिज़ी ने रिवायत किया है और इमाम तिर्मिज़ी फरमाते हैं कि यह हदीस हसन सही है।
तरजमा : हुजूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के परवरदा हज़रत उमर बिन अबी सलमा रज़ि अल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि जब हज़रत उम्मे सलमा रज़ि अल्लाहु अन्हा के घर हुजूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर यह आयत, ऐ अले बैत! अल्लह तो यही चाहता है कि तुमसे (हर तरह) की आलूदगी दूर कर दे और तुम को खूब पाक व साफ़ कर दे, नाज़िल हुई तो आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने सैय्यदा फातिमा और हसनैन करीमैन रज़ि अल्लाहु अन्हुमा
बुलाया और उन्हें एक कमली में ढांप लिया, फिर फरमाया : ऐ अल्लाह! यह मेरे अहले बैत हैं, पस उन से हर किस्म की आलूदगी दूर फरमा और इन्हें खूब पाक व साफ कर दे। इस हदीस को इमाम मिर ने रिवायत किया है और फरमाया कि यह हदीस हसन है।
तरजमा : हज़रत उमर बिन खत्ताब रजि अल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि मैंने हुजूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को फरमाते हुए सुना : हर औरत के बेटों की निस्बत उनके बाप की तरफ
होती है मासिवाए फातिमा की औलाद के, कि मैं ही उनका नसब हूं और मैं ही उनका बाप हूं। इस हदीस को इमाम तबरानी ने रिवायत किया है।
तरजमा : हज़रत उमर बिन खत्ताब रज़ि अल्लाहु अन्हु फरमाते हैं कि मैंने हुजूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को फरमाते हुए सुना: क्यामत के दिन मेरे हसब व नसब के सिवा हर सिलसिल-ए-नसब मुन्कता हो जाएगा। हर बेटे की निस्बत बाप की तरफ होती है मासिवाए औलादे फातिमा के कि उन का बाप भी मैं ही हूं और उनका नसब भी मैं ही हूं। इस हदीस को इमाम अब्दुर्रज़्ज़ाक, बैहकी और तबरानी ने रिवायत किया है।
तरजमा : हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ि अल्लाहु अन्हुमा से रिवायत है कि हुजूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमायाः ऐ लोगो! क्या मैं तुम्हें उनके बारे में ख़बर न दूं जो (अपने) नाना नानी के एतेबार से सब लोगों से बेहतर हैं? क्या मैं तुम्हें उनके बारे में न बताऊं जो (अपने) चचा और फूफी के लिहाज़ से सब लोगों से बेहतर हैं? क्या मैं तुम्हें उनके बारे में न बताऊं जो (अपने) मामू और खाला के एतेबार से सब लोगों से बेहतर हैं? क्या मैं तुम्हें उनके बारे में न ख़बर दूं जो (अपने) मां-बाप के लिहाज़ से सब लोगों से बेहतर हैं? वह हसन और हुसैन हैं, उनके नाना अल्लाह के रसूल, उनकी नानी खदीजा बिन्ते खुवैलिद, उनकी वालिदा फातिमा बिन्ते रसूलुल्लाह, उनके वालिद अली बिन अबी तालिब, उनके मामू कासिम बिन रसूलुल्लाह और उनकी खाला रसूलुल्लाह की बेटियां जैनब, रुक्य्या और उम्मे कुलसूम है, उनके चचा जाफर बिन अबी तालिब, उनकी फूफी उम्मे हानी बिन्ते अबी तालिब, उनके नाना, वालिद, चचा, फूफी, मामू और खाला (सब) जन्नत में होंगे और वह दोनों (हसनैन करीमैन) भी जन्नत में हूंगे। इस हदीस को इमाम तबरानी ने रिवायत किया है।
तरजमा : हज़रत अबू अय्यूब अन्सारी रजि अल्लाहु अन्हु बयान करते हैं कि मैं हुजूर नेबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की बारगाहे अक्दस में हाज़िर हुआ तो (देखा कि) हसन और हुसैन रज़ि अल्लाहु अन्हुमा आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सामने या गोद में खेल रहे थे। मैंने अर्ज़ किया : या रसूलुल्लाह! क्या आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उन से मुहब्बत करते हैं? हुजूर नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : मैं उन से मुहब्बत क्यों न करूं। हालांकि मेरे गुलशने दुनिया के यही तो दो फूल हैं जिनकी महक को सूंघता रहता हूं (और इन्हीं फूलों की खुशबू से कैफ व सुरूर पाता हू) इस हदीस को इमाम तबरानी ने बयान किया है।

