
*”दुनिया उसको यतीम समझती हैं जिसके माँ बाप न हो,*
*लेकिन मैं उसको यतीम समझता हूँ*
*जिसके अच्छे दोस्त न हो।”*
*मौला अली इब्ने अबु तालिब (عليه السلام)*

*”दुनिया उसको यतीम समझती हैं जिसके माँ बाप न हो,*
*लेकिन मैं उसको यतीम समझता हूँ*
*जिसके अच्छे दोस्त न हो।”*
*मौला अली इब्ने अबु तालिब (عليه السلام)*
