Farman e Maala Ali Alahissalam 11

*”दुनिया उसको यतीम समझती हैं जिसके माँ बाप न हो,*
*लेकिन मैं उसको यतीम समझता हूँ*
*जिसके अच्छे दोस्त न हो।”*

*मौला अली इब्ने अबु तालिब (عليه السلام)*

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