
Day: November 29, 2021
Bayt al-Maqdis Ki Azmat_o_Fazeelat.

Hazrat Sheikh Sadi ka Talim par jawab.
Hadith: Nabi Pakﷺ ki nafs kaun hai??
हज़रत अबू बक्र सिद्दीक रज़ियल्लाहु अन्हु का ख्वाब।

हज़रत अबू बक्र सिद्दीक रजियल्लाहु अन्हु कल अज़ इस्लाम एक बहुत बड़े ताजिर थे। आप तिजारत के सिलसिले में मुल्के शाम में तशरीफ फरमा थे कि एक रात ख्वाब में देखा कि चांद और सूरज आसमान से उतरकर उनकी गोद में आ पड़े हैं। हज़रत अबू बक्र सिद्दीक रज़ियल्लाहु अन्हु ने अपने हाथ से चांद और सूरज को पकड़कर अपने सीने से लगाया और उन्हें अपनी चादर के अंदर कर लिया। सुबह उठे तो एक ईसाई राहिब के पास पहुंचे और उससे इस ख्वाब की ताबीर पूछी। राहिब ने पूछा कि आप कौन हैं? आपने फ्रमाया: मैं अबू-बक्र हूं। मक्का का रहने वाला हूं। राहिब ने पूछाः कौन से कबीले से हैं? आपने फ्रमायाः बनू ताएम से और ज़रियए मआश क्या है? फ्रमायाः तिजारत । राहिब ने कहा- तो फिर गौर से सुन लो! नबी आखिरुज्जमा हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तशरीफ ले आए हैं। वह भी इसी कबीला बनी-हाशिम से हैं और वह आख़िरी नबी हैं। अगर वह न होते तो खुदाए तआला ज़मीन व आसमान को पैदा न फ़रमाता और किसी नबी को भी पैदा न फरमाता। वह अव्वलीन व आख़रीन के सरदार हैं। ऐ अबू बक्र तुम उसके दीन में शामिल होगे । यह है तुम्हारे ख्वाब की ताबीर । सुन लो! मैंने इस नबी पाक की तारीफ़ व नत तौरात व इंजील में पढ़ी है। मैं इस पर ईमान ला चुका हूं और मुसलमान हूं। लेकिन ईसाईयों के खौफ से अपने ईमान का इज़हार नहीं किया। हज़रत अबू बक्र सिद्दीक रज़ियल्लाहु अन्हु ने जब अपने ख्वाब की ताबीर सुनी तो इश्के रसूल का जज्बा बेदार हुआ और आप फ़ौरन मक्का मोअज्जमा वापस आए । हुजूर की तलाश करके बारगाहे रिसालत में हाज़िर हुए और दीदारे पुरअनवार से अपनी आंखों को ठंडा किया। हुजूर ने फ़रमायाः अबू बक्र! तुम आ गए, लो अब जल्दी करो और दीने हक में दाखिल हो जाओ। हज़रत अबू बक्र सिद्दीक ने अर्ज़ कियाः बहुत अच्छा । हुजूर! मगर कोई मोजिज़ा तो दिखाइए। हुजूर ने फ़रमायाः वह ख्वाब जो शाम में देखकर आए हो और उसकी ताबीर जो उस राहिब से सुनकर आए हो मेरा ही तो मोजिज़ा है। हज़रत अबू बक्र सिद्दीक ने यह सुनकर अर्ज़ किया : सच फ़रमाया ऐ अल्लाह के रसूल आपने। मैं गवाही देता हूं कि आप वाकई अल्लाह के सच्चे रसूल हैं। (जामिउल मुजिज़ात सफा ४)
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