
रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमायां : आसमान के तारे अहले जमीन के लिये सफरे दरिया में डूबने से बचाने में बाइसे पनाह और मोजिबे अमान हैं । मेरे अहलेबैत۴ मेरी उम्मत को इखतिलाफ और तफरका में पड़ने से बचाने में बाइसे अमन हैं । जब मेरे अहलेबैत۴ से कोई गिरोह इखतिलाफ करके अलग हो जाए तो वह गिरोह शैतानी गिरोह समझा जाएंगा ।
( खसाइसुल – कुबरा {जलालुद्दीन सुयूतिر}
जिल्द दोम , सफा 497 )