
एक बार अमीरुलमोमनीन हज़रत ए उमर फारूक रज़ियल्लाहु अन्ह के पास कुछ सफीर (राजदूत) आए हुवे थे वो सब साथ बैठकर किसी मसले पर बातें कर रहे थे।
तभी खादिम अंदर आया और अर्ज किया
“या अमीरुलमोमनीन ……आपका बेटा अब्दुल्लाह आये है (जो कि अपने वक़्त के बहुत बड़े मुहद्दिस थे) हुजूर वो आपसे मिलना चाहते हैं
हज़रते उमर ने फरमाया “उसको बाहर बिठाओ अभी थोडी ज़रूरी बात हो रही है खत्म होते ही बुलाता हूँ और हाँ कोई आये तो अंदर मत आने देना बाहर बिठाके रखना”
थोड़ी देर बाद हज़रत ए इमाम हसन रज़ियल्लाहु अन्ह तशरीफ़ लाए और खादिम से कहा
“अमीरुलमोमनीन से मिलना है”
खादिम ने कहा ” हुज़ूर अमीरुलमोमनीन ने कहा है कि किसी को अंदर आने मत देना पर हुज़ूर आपको इजाजत है आप अंदर जा सकते हैं”
इमामे हसन ने फरमाया “मुझे कोई खास काम नही था मैं जुहर के वक़्त मस्जिद में मिल लूंगा और ये कहकर वापिस तशरीफ़ ले गए”
थोड़ी देर बाद जब हज़रते उमर की बातचीत खत्म हुवी और वो बाहर आए तो अपने बेटे से फ़रमाया
“अब्दुल्लाह कहो क्या कहना चाहते थे? “
हज़रते अब्दुल्लाह ने कहा “अमीरुलमोमनीन मेरी छोड़िये अभी हज़रते इमाम ए हसन आए थे उनको पता चला के आप बिजी हैं तो वो वापिस चले गए”
इतना सुनना था कि हज़रते उमर नंगे पैर दौड़ने लगे और हज़रते इमाम हसन के घर का दरवाजे पर दस्तक दी
इमाम हसन बाहर तशरीफ़ लाए और पूछा “अमीरुलमोमनीन आप यहां….?”
हज़रते उमर अपनी घुटनों पर बैठ गए और फ़रमाया
“आपको क्या काम था आप वहां आये तो अंदर क्यों न आए ? “
हज़रते इमाम हसन ने फरमाया
“कोई खास बात न थी मैने देखा आपका बेटा भी बाहर ही खड़ा था मैने सोचा जुहर के वक़्त मस्जिद में ही मिल लूंगा”
इतना सुनना था कि हज़रते उमर के आंखों में आंसू आगए…….😢
औऱ फ़रमाया “मेरे बेटे की आपसे बराबरी कैसे हो जाएगी क्या इसका बाप अली है क्या इसकी माँ फातिमा है क्या इसके नानी हज़रत खतीजा हैं क्या इनके नाना मुहम्मदुर्रसुलल्लाह ﷺ हैं…….?
और अपना इमामा उतारा और फ़रमाया ” ए इमाम ए हसन मैं वो उमर हूँ जिस से दस ऊंट नही संभलते थे और मेरा बाप मुझे इसके लिए कोड़े मारता था”
उस उमर के सर पर जो इज्ज़त के बाल हैं वो आपके नाना मोहम्मद मुस्तफा ﷺके उगाए हुवे हैं ख़त्ताब के बेटे की इतनी मजाल नही कि वो आले रसूल ﷺ से इंतेज़ार करवाए अर्ज़ ये है कि इमाम ए हसन आप मुझे बुलवा लिया करें मैं आऊंगा आप नही………”
ये मक़ाम था अमीरुलमोमनीन हज़रते उमर रज़ियल्लाहु अन्ह की नजर में अहले बैअत का और एक गिरोह हमारे यहाँ भी हैं जो अहले बैअत से बुग्ज़ रखते हैं और दावा मुसलमान होने का करते हैं 🌷🌷🌷

