
शैख़ अब्दुल हक़ मुहद्दिस देहलवी फ़रमाते हैं : तसव्वुफ़ के जो राज़ व इसरार हुजूर ग़ौसे पाक को अता हुए वो किसी को नही मिले अगर कोई कुतुब है तो आप कुत्बुल अक़्ताब हैं और अगर कोई सुल्तान है तो आप सुल्तान अल सलातीन हैं…आप मुहियुद्दीन हैं और दीन ए इस्लाम को जिंदा करने वाले हैं नोट : विलायत ए कुबरा अल्लाह की अता से सिर्फ सय्यदा ज़हरा की औलाद को ही अता होती है बाक़ी वक़्त के जो औलिया अल्लाह होते हैं वो सब आले ज़हरा के ताबे होते हैं गौसे आज़म, कुत्बुल अक़्ताब विलायत के आला मंसब ये बनी फ़ातिमा के लिए हैं


