हज़रत अली का कौल हैं।

हज़रत अली

अगर कोई तुमको सिर्फ अपनी ज़रूरत पर याद करता हैं तो नाराज़ मत होना

बल्कि इस बात पर फख्र करना कि उसे अँधेरे मैं रौशनी कि ज़रूरत हैं

और वो रौशनी तुम हो

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