* अमीर मुवाविया बिन अबी सुफियान की फजीलत में चन्द हदीस*
👉🏻 गौरो फिक्र का मामला
*( | )इमाम अहमद बिन हंबल ने इस हदीस को अपनी मसनद में दर्ज किया है।*
*इस हदीस के मुताबिक* – حدثنا عبدالله حدثنى أبى ثنا زيد بن الحباب حدثنى حسين ثنا عبدالله بن بريدة قال – دخلت أنا و أبي على معاوية فأجلسنا على الفرش ثمّ أتينا بالطعام فأكلنا ثمّ أتينا بالشراب فشرب معاوية ثمّ ناول أبي ثمّ قال ما شربته منذ حرمه رسول الله عليه و سلم ثمّ قال معاوية كنت أجمل شباب قريش وأجوده ثغرا وما شيء كنت أجدله لذة كما كنتت وأنا شباب غير اللبن أو اِنسان حسن الحديث يحدثني اِسناده قوي *(हजरत अब्दुल्लाह बिन बुरैदा रादियल्लाहू ताला अनहो फरमाते है की मैं अपने वालिद के साथ मुवाविया बिन अबी सुफियान के यहाँ गए मुआविया ने हमें गद्दे पर बिठाया फिर खाना लाया और हमने खाया, फिर उसने शराब लाया, मुआविया ने पिया और फिर उसने मेरे पिता को दिया, तब मेरे वालिद) ने कहा: ‘मैंने इसे तब से कभी नहीं पिया जब से अल्लाह के रसूल ने इसे हराम कर दिया…*’
*(मुसनद अहमद, जिल्द 5, पेज 347, हदीस # 22991)*
*अबी बकर अल-हतमी ने इस हदीस मजमा अल ज़वाइद, जिल्द 5, पेज 554, हदीस # 8022 में दर्ज किया और सही कहा है* رواه أحمدورجاله رجال الصحيح
*(इमाम अहमद बिन हंबल ने इसे सही करार दियाएच है और इसके रावी सहीह हैं)। एक सलाफी आलिम शेख मुकबिल अल-वादी’ ने भी इसे ‘हसन’ कहा है (मुसनद अल-साहिह, पेज 185)*
(ii) *शाह अब्दुलअज़ीज़, मुहादीस-ए-देहलवी ने अपनी किताब तुहफ़ा इशना अशरिया में इसे दर्ज किया है।*
*अबादा बिन समित शाम में थे जब उन्होंने देखा कि मुआविया के काफिले में ऊंटों की कतार है, जिनकी पीठ पर शराब है। अबदा ने पूछा: “ये क्या हैं?”। लोगों ने जवाब दिया: “ये शराब है जो मुआविया ने बेचने के लिए भेजी है।” अबादा चाकू लेकर आए और उन्होंने ऊंटों की रस्सियां तब तक काटीं, जब तक कि सारी शराब बाहर नहीं निकल गई ।*
{ तारिख इब्न असाकिर, जिल्द 26 पेज 197 }