जुरजा पहलवान

जुरजा पहलवान

मुसलमानों की रोमियों के साथ घमासान की जंग जारी थी कि रोमी लशकर से जुरजा पहलवान, जो रोम का नामी गिरामी बे-मिस्ल पहलवान था, घोड़ा बढ़ाकर मैदान में आया और उसने ख़ालिद बिन वलीद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु को अपने मुक़ाबले पर बुलाया। हज़रत ख़ालिद बिन वलीद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु फौरन अपने लश्कर से निकलकर गये तो जुरजा पहलवान ने कहा मैं आपसे कुछ बातें करना चाहता हूं। लिहाज़ा थोड़ी देर के लिये अमन व आमान से मिलें। हम एक दूसरे पर हमला न करें। हज़रत खालिद बिन वलीद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने उसकी दरख्वास्त कुबूल कर ली। जुरजा ने क़रीब आकर कहा मैं जो पूछू उसको आप सच सच बता दें। क्योंकि आज़ाद और बहादुर कभी झूठ नहीं बोला करते। उम्मीद है कि आप मुझे धोखा नहीं देंगे।

आप यह बताइये कि खुदा ने आपके पैग़म्बरे (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर कोई तलवार आसमान से उतारी है और उनसे वह तलवार आपको मिल गयी है कि जिस क़ौम पर आप इसको खींचते हैं बगैर शिकस्त दिये यह न्यान में नहीं आती।

हज़रत खालिद बिन वलीद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने कहाः नहीं फिर पूछा तो लोग आपको सैफुल्लाह (अल्लाह की तलवार) क्यों कहते हैं? हज़रत खालिद बिन वलीद रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने जवाब दियोः सुनिये! खुद तआला ने हममें अपने पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम् को मबऊस फ्रमाया मैं उन लोगों में था जो शुरू में उनके मुखालिफ रहे फिर अल्लाह तआला ने हिदायत बख़्शी और मैंने उनकी गुलामी इख़्तेयार कर ली। उस वक्त हुजूर ने मुझे फ़रमाया कि तुम मुश्किीन के हक़ में अल्लाह की तलवार हो। मेरे लिए ताइदे इलाही की दुआ फ़रमाई। यह सब हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की दुआ का असर है। जुरजा ने कहाः अच्छा बताइये! कोई इस्लाम कुबूल कर ले और आपक

जमाअत में शामिल हो जाये तो उसका दरजा आप लोगों में क्या होता है? फरमाया हमारा दरजा बराबर होता है बल्कि वह हमसे भी बढ़ जाता है

जुरजा यह सुनकर हज़रत ख़ालिद बिन वलीद रज़ियल्लाहु तआला अन् के हमराह लश्करे इस्लाम में आकर मुशर्रफ़-ब-इस्लाम हो गया। हज ख़ालिद ने उसे दीन की तलक़ीन व तालीम दी फिर उसने गुस्ल करके रकअत नमाज़ अदा की। इसके बाद हज़रत खालिद बिन वलीद रज़ियल्ल तआला अन्हु के हमराह मैदान में निकलकर काफ़िरों से जिहाद करने लग (तारीखे इस्लाम सफा ४०५


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