
*हदीस – ए – मुबारका*
*अहले बैत से मुहब्बत*
*हुज़ूर नबी ए पाक صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم ने फ़रमाया;*
मेरी शफाअत मेरी उम्मत के उस शख़्स के लिए है जो मेरे घराने से मुहब्बत रखने वाला हो ।
📗(जामे सगीर, सफह 301, हदीस 4894)

*हदीस – ए – मुबारका*
*अहले बैत से मुहब्बत*
*हुज़ूर नबी ए पाक صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم ने फ़रमाया;*
मेरी शफाअत मेरी उम्मत के उस शख़्स के लिए है जो मेरे घराने से मुहब्बत रखने वाला हो ।
📗(जामे सगीर, सफह 301, हदीस 4894)
