
हज़रत मऊज़ की बेटी
हज़रत मऊज़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु जो अबू-जहल के क़त्ल करने बालों में से एक थे। आपकी बेटी हज़रत रबीअ के घर एक रोज़ एक इत्र-फ्रोश औरत आयी और बातों-ही-बातों में उसे मालूम हुआ कि यह घर क़ातिल अबू-जहल मऊज़ की बेटी का घर है। यह मालूम होने के बाद इत्र फरोश औरत, जो मुसलमान न थी हज़रत रबीअ को मुख़ातिब करके बोली तू तो उसकी बेटी है जिसने अपने सरदार का कत्ल किया है? यह सुनकर हज़रत रबीअ को गुस्सा आ गया और बोलीं मैं उसकी बेटी हूं जिसने अपने गुलाम को क़त्ल किया । इत्र – फ्रोश औरत को भी यह बात सुनकर गुस्सा आ गया और बोली तुमने एक सरदार को गुलाम कहा इसलिये मुझ पर हराम है कि तेरे हाथ इत्र फ्रोख़्त करूं । हज़रत रबीअ ने फ्रमायाः तूने गुलाम को सरदार कहा मुझ पर भी हराम है कि मैं तुझसे इत्र ख़रीदूं। मैंने तेरे इत्र के सिवा किसी चीज़ में गंदगी और बदबू नहीं देखी। असदुल गाबा, हिकायतुस-सहाबा सफा ११७)

