अहलेबैत_मेरी_उम्मत_के_लिए_ईमान_है

हजरत जाबीर (रजी अल्लाह अन्हो) फरमाते है : रसूलल्लाह ﷺ ने ये आयत पढ़ी :
«وَ اِنَّہٗ لَعِلْمٌ لِّلسَّاعَۃِ» ( الزخرف : 61 )
फिर फरमाया : सितारे आसमान वालों के लिए ईमान है , जब ये खत्म हो जायेगे तो उन पर वो आयेगा जिसका उनसे वादा वादा किया गया और *मैं_अपने_असहाब_के_लिए_ईमान_हूं , जब तक इन मै मौजूद हूं* , जब में चला जाऊंगा तो उन पर वो कुछ आयेगा जिसका उनसे वादा किया गया और मेरे *अहलेबैत_मेरी_उम्मत_के_लिए_ईमान_है* , जब मेरे *अहलेबैत* चले जाएंगे तो उनपर वो कुछ आयेगा जिसका उनसे वादा किया गया है (यानी कयामत आ जाएगी)
अल मुस्तद्रक आला सहिहैन जिल्द: 3 हदीस नं: 3676

Note= इस हदीस से पता चलता है कि औलाद ए रसूल ﷺ सारि दुनिया के लिए रहमत है यानी जबतक जमीन पर आल ए रसूल ﷺ मौजूद है तबतक क़यामत रुकी हुई है,🙏🏻

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