चौदह सितारे हज़रत इमाम अबुल हसन हज़रत इमाम अली नक़ी(अ.स) पार्ट- 1

वालैदेन

हज़रत इमाम अली नक़ी (अ.स.) पैग़म्बरे इस्लाम मौहम्मद (स अ व व ) के दसवें जानशीन और हमारे दसवें इमाम और सिलसिला ए मासूमीन की बारवीं कड़ी हैं। आपके वालिदे माजिद हज़रत इमाम मौहम्मद तक़ी (अ.स.) थे और वालदा माजदा जनाबे समाना ख़ातून थीं। आप अपने आबाओ अजदाद की तरह इमाम मनसूस , मासूम ए आलम , ज़माना और अफज़ल काएनात थे। आप इल्म सख़ावत तहारते नफ़स , बुलन्दी ए किरदार और जुमला सिफ़ात हसना में अपने वालिद माजिद की जीती जागती तस्वीर थे।

(सवाएक़े मोहर्रेक़ा सफ़ा 123 मतालेबुस सूऊल सफ़ा 291 नूरूल अबसार सफ़ा 149 )

आपकी वालेदा के मुताअल्लिक़ उलमा ने लिखा है कि आप सैय्यदा उम्मुल फ़ज़ल के नाम से मशहूर थीं।

(मनाक़िब जिल्द 5 सफ़ा 116 )

इमाम अली नक़ी (अ.स.) की विलादते बासआदत

आप ब तारीख़ 5, रज्जबुल मुरज्जब 214 हिजरी बरोज़ सेह शम्बा बामुक़ाम मदीना ए मुनव्वरा मुतावल्लिद हुए। नुरूल अबसार सफ़ा 149, दम ए साकेबा सफ़ा 120, शेख़ मुफ़ीद का कहना है कि मदीने के क़रीब एक क़रिया है जिसका नाम सरया है , आप वहां पैदा हुए।

इस्मे गिरामी ,कुन्नीयत और अलक़ाब

आपका इस्मे गिरामी अली आपके वालिदे माजिद इमाम मौहम्मद तक़ी (अ.स.) ने रखा इसे यूं समझना चाहिये कि सरवरे काएनात (स अ व व ) ने जो अपने बारह जानशीन अपनी ज़ाहेरी हयात के ज़माने में मोअयन फ़रमाये थे। उनमें से एक आपकी ज़ाते गिरामी भी थी। आपके वालिदे माजिद ने उसी मोअयन नाम से मौसूम कर दिया। अल्लामा तबरसी लिखते हैं कि चौदह मासूमीन (अ.स.) के असमा नाम लौहे महफ़ूज़ में लिखे हुए हैं। सरवरे काएनात स. ने उसी के मुताबिक़ सब के नाम मुअयन फ़रमाये हैं और हर एक के वालिद ने उसी की रौशनी में अपने फ़रज़न्द को मौसूम किया है। अल्लामा अल वरा सफ़ा 225, किताब कशफुल ग़म्मा सफ़ा 4 में है कि आं हज़रत ने सब के नाम हज़रत आयशा को लिखवा दिये थे। आपकी कुन्नियत अबुल हसन थी। आपके अलक़ाब बहुत ज़्यादा हैं। जिनमें नक़ी , नासेह , मोतावक्किल , मुर्तुज़ा और असकरी ज़्यादा मशहूर हैं।

(कशफ़ुल ग़म्मा सफ़ा 122 नूरूल अबसार सफ़ा 149, मतालेबुस सूऊल सफ़ा 191 )

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