
*सवाल : मज़हब ए इस्लाम हमें क्या सिखाता है?*
जवाब : इस्लाम एक ऐसा मज़हब है जो पूरी ज़िंदगी के लिए रास्ता दिखाता है ।और सीधा रास्ता दिखाता है । इसके प्रमुख सिद्धांत और शिक्षा निम्नलिखित हैं:
1. तौहीद (एकेश्वरवाद): इस्लाम सिखाता है कि अल्लाह एक है और उसी की इबादत की जानी चाहिए। अल्लाह के अलावा कोई इबादत के लायक नहीं है।
2. रिसालत (पैग़ंबरी): इस्लाम यह विश्वास रखता है कि अल्लाह ने इंसानों को सही रास्ता दिखाने के लिए पैग़ंबर भेजे। हज़रत मुहम्मद (ﷺ) आखरी पैग़ंबर हैं।
3. क़ुरान और हदीस: *इस्लाम की प्रमुख धार्मिक किताब क़ुरान है, जिसे अल्लाह ने हज़रत मुहम्मद (ﷺ) पर नाज़िल किया। और हदीस में पैग़ंबर मुहम्मद (ﷺ) की कही और की गई बातें दर्ज हैं।
*4. इबादत : इस्लाम में पाँच फ़र्ज़ इबादतें हैं:*
*तौहीद /शहाद: (ईमान की गवाही): अल्लाह को एक मानना और हज़रत मुहम्मद (ﷺ) को उनका पैग़ंबर मानना* ।
*नमाज़ (सलात): दिन में पाँच बार अल्लाह की इबादत करना* ।
*रोज़ा : रमज़ान के महीने में सूरज* निकलने से लेकर डूबने तक रोज़ा रखना।
*ज़कात: माल का एक हिस्सा* मुसलमान गरीबों और ज़रूरतमंदों को देना।
*हज: ज़िंदगी में एक बार मक्का* की यात्रा करना, अगर आर्थिक रूप से संभव हो।
*5. अख़लाक़ (चरित्र): इस्लाम* अच्छे व्यवहार, इंसानियत, और न्याय पर ज़ोर देता है। यह सिखाता है कि हर इंसान के साथ बराबरी का सलूक किया जाए, चाहे वह किसी भी जाति* , धर्म, या पृष्ठभूमि का हो।
*6. सबर (धैर्य) और शुक्र (* कृतज्ञता): इस्लाम मुश्किल वक्त में सब्र रखने और अल्लाह की नेमतों पर शुक्र करने की तालीम देता है।
7 *. हराम और हलाल: इस्लाम* में कुछ चीज़ें मना (हराम) हैं, जैसे सूद, चोरी, झूठ बोलना, और शराब, जबकि कुछ चीज़ें हलाल (जायज़) हैं, जैसे ईमानदारी से मेहनत करके कमाई हुई रोज़ी।
इस्लाम का मकसद एक ऐसे समाज को बनाना है, जिसमें इंसानियत, भाईचारा, और नैतिकता का पालन हो, और लोग अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर चलकर एक नेक ज़िंदगी बसर करें।
और दुनिया में चैन सुकून पाए और मरने के बाद जन्नत में जाए।

