इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) ने हुरमत काबा शरीफ के लिए कर्बला मोअल्ला की हिजरत की

इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) ने हुरमत काबा शरीफ के लिए कर्बला मोअल्ला की हिजरत की ,

▪ इमाम तबरानी ने रिवायत नकल किया है की _

अब्दुल्लाह बिन अब्बास (राजी अल्लाह अन्हो) फरमाते हैं कि हुसैन (राजी अल्लाह अन्हो) ने मुझसे (कूफा की तरफ) रवानगी की इजाजत तलब की तो मैंने कहा- अगर मेरी और आपकी शान के खिलाफ ना होता तो मैं आपको मजबूती से पकड़कर रखता। अब्दुल्लाह बिन अब्बास (राजी अल्लाह अन्हो) कहते हैं कि इस पर हुसैन (अलैहिस्सलाम) ने जवाब दिया कि मैं फुलां फुलां मुकाम पर कत्ल कर दिया जाऊंगा- ये मेरे नजदीक इस बात से ज्यादा बेहतर है कि मेरी वजह से मक्के की हुरमत पामाल हो।
अब्दुल्लाह बिन अब्बास कहते हैं कि यह बात कहकर हुसैन (अलैहिस्सलाम) ने मुझे मुतमाईन (संतुष्ट) कर दिया।
      – इमाम तबरानी, मुअज्जमल कबीर, 3/119, सनद सही.

इमाम हैसमी ने मजमुअल जवाएद में रकम नं 15131 के तहत इमाम तबरानी की उसी रिवायत को लिखकर तखरीज की है कि इसके सभी रावी सिकह यानी सच्चे हैं।

मुअज्मल कबीर, इमाम तबरानी, रकम नं 2790.
वही रिवायत है दीगर दूसरी किताबो  में ली गई है

रिवायत से पता चला की इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) को पता था की मक्का में जबरदस्ती  बैअत ली जाएगी या शहीद कर दिया जायेगा । इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) ने ये पसंद न फरमाया की काबा की हुरमत पमाल हो इस लिए आप ने वहा से हिजरत की और जैसा आप ने सोचा था वही याज़ीद ने किया की इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) के पूरे घर को जुलमन कर्बला में शहीद करवा दिया,,,

Note:– अब कोई ये ना कहे की इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) को धोखे से कूफा बुलाया गया था और इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) उनके नवासे है जिनके नाना मोहम्मद मुस्तफा (सल,अल्लाहो अलैहे व अलैहि व सल्लम) के पास इल्म ए गैब था और रसूल अल्लाह (सल,अल्लाहो अलैहे व अलैहि व सल्लम) ने पहले ही इसकी पेसनगोही करदी थी की इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) को केसे शहीद कर दिया जाएगा और जो ये मौलवी चिला चिला कर कहते है माइक पर की इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) को धोखे से कुफा बुलाया गया वो दर हकीकत मौला इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) की शान ए पाक को (घाटा) ने का काम करते है और सारा कसूर कुफा वाले पर डाल कर यजीद लानती को और यजीद से बैत करने वालो को बचाना के काम करते है

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