
एहले बैत अतहार पर ईमानत कुरान की नजर से
1 ए हबीब आप फरमा दीजिए रिसालत का हक मेरी आल से मोहब्बत करो सु. शुरा पारा न. 26 आयत न. 23
2 ए एहले बैत अल्लाह तो बस यही चाहता है कि तुमसे हर तरह की गंदगी को दुर करके मैने एहले बैत को पाक रखा शुरा अहजाब आयत न. 33
3 एहले बैत अल्लाह की मोहब्बत में यतीमो मिस्किन कैदी मुसाफ़िर को रोजे पर रोजा रखकर अपना खाना खिला देते हैं इसका ना कोली ना फैली शुक्रिया चाहते हैं सु. दहर पारा न. 29
4 लोगों तुम्हारे वली सिर्फ अल्लाह व रसुल और वह शख्स जो हैं रूकु की हालत में जकात देते हैं मुराद मौला अली से सुरह मायदा पारा नंबर 6 आयत नं 55
एहले बैत हदीस की नजर से
हुजुर मोहम्मद स. अ. स. ने फरमाया अगर कोई शख्स हमेशा नमाज पढें और हमेशा रोजा रखें व एहले बैत रसुल से दुश्मनी किना रखता है वह जहन्नुम में जायेगा मुस्तदरक जिल्द 3 पेज नं 149
2आप स.अ.व. स ने फरमाया मेरी उम्म्त में बस उसी को मेरी सफाअत नसीब होगी जो मेरे एहले बैंत से मोहब्बत रखेगा
जामे उस्सगीर पे. नं 34
3 आप स. अ. व. स ने फरमाया पुल सिरात पर तुम मे सबसे ज्यादा साबित कदम वह होगा जो मेरे एहले बैत से सबसे ज्यादा मोहब्बत रखेगा जामे उस्सगीर
पे. नं 8
4 किसी के दिल में उस वक्त तक ईमान नहीं समा सकता जब तक वह तुमसे ए एहले बैत अल्लाह की रजा के खातिर और मेरी कराबत के लिहाज से मोहब्बत ना करें मिसकात शरीफ 134
5 आप स. अ. व. स ने फरमाया ए अली आप से सिर्फ मोमिन मोहब्बत रखेंगे और मुनाफिक जलन किना और दुश्मनी रखेंगे तिरमीजी. निसाई इब्ने माजा
6 आप स. अ. व. स ने फरमाया लोगो में तुम्हारे पास दो वजनी चीजें छोड़कर जा रहा हूँ एक है मेरा कुरान और एक मेरी एहले बैत अगर इनको मजबूती से पकडे रहोगे तो कभी भी गुमराह हो ही नहीं सकते
तिरमीजी सही मुस्लिम जिल्द नं 2 पेज नं 279
ये सारे हुकुम ईमान वालो के लिए है

