खुतबा-ए-गदिर

🌹खुतबा-ए-गदिर 🌹🙌

*🌹गदिर का खुतबा जो नबी करीम (स.अ.स.) ने 18 जिलहज हिजरी 10 में आखिर हज करने के बाद हज से लौटते समय गदिर नामक मैदान में करीब सवा लाख सहाबा ए किराम की मौजूदगी में दिया था,जंहा पर कुरान शरीफ की आखिरी आयते नाजिल हुइ थी‼️
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*اﻟْﻴَﻮْﻡَ ﺃَﻛْﻤَﻠْﺖُ ﻟَﻜُﻢْ ﺩِﻳﻨَﻜُﻢْ ﻭَﺃَﺗْﻤَﻤْﺖُ* *ﻋَﻠَﻴْﻜُﻢْ*
*आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी (सुरह माइदह:05:03)🖋️🖋️
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*ﻳَﺎ ﺃَﻳُّﻬَﺎ اﻟﺮَّﺳُﻮﻝُ ﺑَﻠِّﻎْ ﻣَﺎ ﺃُﻧْﺰِﻝَ ﺇِﻟَﻴْﻚَ ﻣِﻦْ ﺭَﺑِّﻚَ ۖ ﻭَﺇِﻥْ ﻟَﻢْ ﺗَﻔْﻌَﻞْ ﻓَﻤَﺎ ﺑَﻠَّﻐْﺖَ ﺭِﺳَﺎﻟَﺘَﻪُ ۚ ﻭَاﻟﻠَّﻪُ ﻳَﻌْﺼِﻤُﻚَ ﻣِﻦَ اﻟﻨَّﺎﺱِ ۗ ﺇِﻥَّ اﻟﻠَّﻪَ ﻻَ ﻳَﻬْﺪِﻱ اﻟْﻘَﻮْﻡَ اﻟْﻜَﺎﻓِﺮِﻳﻦَ*

*ऐ रसूल जो हुक्म तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से तुम पर नाज़िल किया गया है पहुंचा दो और अगर तुमने ऐसा न किया तो (समझ लो कि) तुमने उसका कोई पैग़ाम ही नहीं पहुंचाया और (तुम डरो नहीं) ख़ुदा तुमको लोगों के श्शर से महफ़ूज़ रखेगा ख़ुदा हरगिज़ काफ़िरों की क़ौम को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुंचाता (सुरह माइदह:05:67)*🖋️🖋️
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और इस्के खुत्बे के आखरी अंश पढियेगा🖋️🖋️

*💐मैं आपको उन दो भारी भरकम चीजों के बारे में पूछूंगा जो मैंने आपके लिए छोड़ी हैं जब आप मेरे पास आते हैं कि आप उनके साथ कैसे व्यवहार करते हैं। पहेली अल्लाह की पुस्तक-पवित्र कुरान है। इस रस्सी का एक हिस्सा अल्लाह के हाथ में है और दूसरा आपके के हाथों में है। इसे थामे रखें और आप विचलित नहीं होंगे। दुसरी भारी भरकम चीज मेरा परिवार (अहल बैत) और मेरे वंशज हैं। सबसे दयालु सर्वज्ञानी अल्लाह ने मुझे बताया था कि उनमें से दोनों अलग-अलग नहीं होंगे जब तक कि वे जन्नत में दाखिल न हो जायें।💐‼️

*और ये खुतबा देने के बाद अल्लाह के आखरी नबी और रसूल स.अ.व. ने मिम्बर से मौला अली अलहीस्सलाम के मुताल्लिक कमोबेश 70 वसियते जाहिर की और आपको अपना वशी बताया और “मन कुन्तो मौला फहाजा अली मौला” “जिस्का में मौला उस्का अली मौला” कहेते हुए मौला अली अलहीस्सलाम की विलायत का ऐलान किया।‼️

*गदिर ए खुम तारीखे इस्लाम का एक एसा पन्ना हे जिसे जान बुझकर नस्लें बनी उमय्या ने छुपा दिया ताकि मौला अली अलहीस्सलाम की विलायत को पोशीदा रख सके, लेकिन जिसे अल्लाह और उसके रसूल ने अपना वशी बनाया हो उसे दुनिया की कोई भी ताकत छुपा नहीं सकतीं, कुरान शरीफ और हमारे नबी का फरमान और सही हदीष का इन्कार करने वाला कभी इमानवाला नहीं हो सकता, और ये एलान तो कुरान शरीफ और तमाम हदीषो से साबित हे इस्से इन्कार करने वाला काफिर ही हो सकता है‼️

*लेकिन कुछ खारजियो,नशबियो ने गदिर के इस वाकिया को हम तशइयो से मनसुब कर दिया और इस तारीख़ी वाक़ये की हकीकतों से मुसलमानों को गुमराही मे रखा ताकि सच्चाई जाहिर ना हो सकें, तमाम मोमिन,मुसलमान भाइयों से गुजारिश है कि आप इस दिन की फजिलत समझे और अपने इलाकों में इसे मनाए,अपने इलाके की मस्जिदों में गदिर से मुताल्लिक वाअजो,बयानातो का इन्तेजाम कीजिए और उम्मते मुस्लिमा तक हक और सच्चाई को पंहुचाइये, और अहलेबैत की मोहब्बत को क़ायम दायम रखे ताकि हमारी आख़िरत संवर जाये

हक़ अली उन वली उल्लाह

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