Khutba-e-Ghadir Khum ( Haqiqat-o-Muqam-e-Wilayat Ahadith Ki Roshni Me) | HABIB AHMED AL HUSENI

ऐलान इ ग़दीर :-

इस हदीस को 146 जलीलुल क़द्र सहाबा ऐ किराम ने रिवायत किया है और 163 अइम्मा ऐ हदीस ने अपनी किताबो में दर्ज़ किया है। ये मुतवातिर हदीस है जिसका इंकार कुफ्र है। कुछ मैनस्ट्रीम किताबो के हवाले पोस्ट कर रहा हु।

1) जाम ऐ तिर्मिज़ी – हदीस न. 3713
रसुलल्लाह ﷺ ने फ़रमाया “जिसका मैं मौला उसका अली मौला”

2) ख़साइस ऐ अली – इमाम निसाई
इमाम निसाई की लिखी हुवी ख़साइस ऐ अली में पूरा बाब बना हुवा है “जिसका मैं मौला उसका अली मौला” और इसी बाब में इमाम निसाई ने इसी हदीस के दस तुरुक जमा किये है। यहाँ मैं स्कैन पेज में सारी हदीस (पुरा बाब) उर्दू और हिंदी में सेंड कर रहा हु।

3) अल मुस्तदरक लील हाकिम – हदीस न. 4652
इस हदीस को इमाम हाकिम और इमाम ज़हबी दोनों ने सहीह कहा है।

4) अल मोजमुल कबीर तबरानी – हदीस न. 2442, 4836

5) सुनन इब्न माज़ा – हदीस न. 121
यहाँ अरबी मतन में लिखा है ” मन कुंतो मौला फहजा अली उन मौला हु ” लेकिन उर्दू तरजुमे में मौलवी ने डंडी मार कर मौला की जगह दोस्त लिख दिया है, साथ में हिंदी में भी ये हदीस पोस्ट कर रहा हु जिसमे मौला लिखा हुवा है और अरबी मतन में तो है ही।

6) सही मुस्लिम – हदीस न. 6225 से 6228
ज़ैद बिन अरक़म से रिवायत है की रसुलल्लाह ﷺ ने मक़ाम इ खुम पर खुत्बा सुनाया “मैं तुम में दो भारी चीज़े छोड़े जा रहा हु पहली अल्लाह की किताब है जिस में नुर है और हिदायत है और अल्लाह की किताब को थामे रहो इसे मजबूती से पकडे रहो फिर फ़रमाया दूसरी चीज़ मेरी एहलेबैत है, मैं तुम्हे अपनी एहलेबैत के बारे में अल्लाह का खौफ दिलाता हु, मैं तुम्हे अपनी एहलेबैत के बारे में अल्लाह का खौफ दिलाता हु, मैं तुम्हे अपनी एहलेबैत के बारे में अल्लाह का खौफ दिलाता हु”

Ghadeer E Khum Ka Elan | Kya Eid Ghadeer Manana Jaiz Hai ? Mufti Fazal Hamdard.

*18 Zil Hajj Ko Roza Rakhne Ki Fazilat*

Hazrat Abu Huraira Razi Allahu Tala Anhu Se Riwayat Hain Ke Jisne 18 Zil Hajj Ko Roza Rakha Uske Liye 60 Mahino (5 Saal) Ke Rozo Ka Sawab Likha Jayega Aur Ye Ghadeer e Khum Ka Din Tha Jab Huzoor Nabi e Akram ﷺ Ne Hazrat Sayyedna Ali Shere Khuda Alahis Salam Ka Haath Pakadkar Farmaya :- Kya Me Momino Ka Wali Nahi Hun ? Unhone (Sahaba Ne) Arz Kiya : Kyun Nahi Ya Rasool Allah! Aap ﷺ Ne Farmaya :- Jiska Me Maula Hu Uska Ali Maula Hain. Is Par Hazrat Sayyedna Umar Farooq Razi Allahu Tala Anhu Ne Farmaya : Mubarak Ho! Aey Ali Ibne Abi Talib! Aap Mere Aur Har Musalman Ke Maula Tehre. (Is Mauqe Par) Allah Azzawajal Ne Ye Ayat Naazil Farmayi :-
اَلْيوْمَ أَکْمَلْتُ لَکُمْ دِيْنَکُمْ
Tarjuma :- Aaj Mene Tumhare Liye Tumhara Deen Mukammal Kar Diya.
[Quran : 5 Surah Al Maidah, Ayat No 3.]

📚 *Reference* 📚

*1.* Khateeb Baghdadi, Tarikh e Baghdad, Jild 8, Safa 290.
*2.* Tabrani, Al Muajjam Al Awsat, Jild 3, Safa 324.
*3.* Ibne Asakir, Tarikh e Damishq Al Kabeer, Jild 45, Safa 176,177.
*4.* Imaam Raazi, Tafseer e Kabeer, Jild 11, Safa 139.
*5.* Ibne Kaseer, Al Bidaya wan Nihaya, Jild 5, Safa 464.

खुतबा-ए-गदिर

🌹खुतबा-ए-गदिर 🌹🙌

*🌹गदिर का खुतबा जो नबी करीम (स.अ.स.) ने 18 जिलहज हिजरी 10 में आखिर हज करने के बाद हज से लौटते समय गदिर नामक मैदान में करीब सवा लाख सहाबा ए किराम की मौजूदगी में दिया था,जंहा पर कुरान शरीफ की आखिरी आयते नाजिल हुइ थी‼️
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*اﻟْﻴَﻮْﻡَ ﺃَﻛْﻤَﻠْﺖُ ﻟَﻜُﻢْ ﺩِﻳﻨَﻜُﻢْ ﻭَﺃَﺗْﻤَﻤْﺖُ* *ﻋَﻠَﻴْﻜُﻢْ*
*आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी (सुरह माइदह:05:03)🖋️🖋️
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*ﻳَﺎ ﺃَﻳُّﻬَﺎ اﻟﺮَّﺳُﻮﻝُ ﺑَﻠِّﻎْ ﻣَﺎ ﺃُﻧْﺰِﻝَ ﺇِﻟَﻴْﻚَ ﻣِﻦْ ﺭَﺑِّﻚَ ۖ ﻭَﺇِﻥْ ﻟَﻢْ ﺗَﻔْﻌَﻞْ ﻓَﻤَﺎ ﺑَﻠَّﻐْﺖَ ﺭِﺳَﺎﻟَﺘَﻪُ ۚ ﻭَاﻟﻠَّﻪُ ﻳَﻌْﺼِﻤُﻚَ ﻣِﻦَ اﻟﻨَّﺎﺱِ ۗ ﺇِﻥَّ اﻟﻠَّﻪَ ﻻَ ﻳَﻬْﺪِﻱ اﻟْﻘَﻮْﻡَ اﻟْﻜَﺎﻓِﺮِﻳﻦَ*

*ऐ रसूल जो हुक्म तुम्हारे परवरदिगार की तरफ़ से तुम पर नाज़िल किया गया है पहुंचा दो और अगर तुमने ऐसा न किया तो (समझ लो कि) तुमने उसका कोई पैग़ाम ही नहीं पहुंचाया और (तुम डरो नहीं) ख़ुदा तुमको लोगों के श्शर से महफ़ूज़ रखेगा ख़ुदा हरगिज़ काफ़िरों की क़ौम को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुंचाता (सुरह माइदह:05:67)*🖋️🖋️
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और इस्के खुत्बे के आखरी अंश पढियेगा🖋️🖋️

*💐मैं आपको उन दो भारी भरकम चीजों के बारे में पूछूंगा जो मैंने आपके लिए छोड़ी हैं जब आप मेरे पास आते हैं कि आप उनके साथ कैसे व्यवहार करते हैं। पहेली अल्लाह की पुस्तक-पवित्र कुरान है। इस रस्सी का एक हिस्सा अल्लाह के हाथ में है और दूसरा आपके के हाथों में है। इसे थामे रखें और आप विचलित नहीं होंगे। दुसरी भारी भरकम चीज मेरा परिवार (अहल बैत) और मेरे वंशज हैं। सबसे दयालु सर्वज्ञानी अल्लाह ने मुझे बताया था कि उनमें से दोनों अलग-अलग नहीं होंगे जब तक कि वे जन्नत में दाखिल न हो जायें।💐‼️

*और ये खुतबा देने के बाद अल्लाह के आखरी नबी और रसूल स.अ.व. ने मिम्बर से मौला अली अलहीस्सलाम के मुताल्लिक कमोबेश 70 वसियते जाहिर की और आपको अपना वशी बताया और “मन कुन्तो मौला फहाजा अली मौला” “जिस्का में मौला उस्का अली मौला” कहेते हुए मौला अली अलहीस्सलाम की विलायत का ऐलान किया।‼️

*गदिर ए खुम तारीखे इस्लाम का एक एसा पन्ना हे जिसे जान बुझकर नस्लें बनी उमय्या ने छुपा दिया ताकि मौला अली अलहीस्सलाम की विलायत को पोशीदा रख सके, लेकिन जिसे अल्लाह और उसके रसूल ने अपना वशी बनाया हो उसे दुनिया की कोई भी ताकत छुपा नहीं सकतीं, कुरान शरीफ और हमारे नबी का फरमान और सही हदीष का इन्कार करने वाला कभी इमानवाला नहीं हो सकता, और ये एलान तो कुरान शरीफ और तमाम हदीषो से साबित हे इस्से इन्कार करने वाला काफिर ही हो सकता है‼️

*लेकिन कुछ खारजियो,नशबियो ने गदिर के इस वाकिया को हम तशइयो से मनसुब कर दिया और इस तारीख़ी वाक़ये की हकीकतों से मुसलमानों को गुमराही मे रखा ताकि सच्चाई जाहिर ना हो सकें, तमाम मोमिन,मुसलमान भाइयों से गुजारिश है कि आप इस दिन की फजिलत समझे और अपने इलाकों में इसे मनाए,अपने इलाके की मस्जिदों में गदिर से मुताल्लिक वाअजो,बयानातो का इन्तेजाम कीजिए और उम्मते मुस्लिमा तक हक और सच्चाई को पंहुचाइये, और अहलेबैत की मोहब्बत को क़ायम दायम रखे ताकि हमारी आख़िरत संवर जाये

हक़ अली उन वली उल्लाह