
हजरत जबीर बिन अब्दुल्लाह (रजी अल्लाह अन्हो) बयान करते है के हजरत मुहम्मद मुस्तफा ﷺ ने ईरशाद फरमाया कि (3) चीजें ऐसी है वो जिसमें पाई जाएगी वो हममेंसे नहीं
(1) हज़रत अली عليه السلام से बुग़ज़ रखना।
(2) मेरी अहले बैत से दुश्मनी रखना।
(3) और यह कहना कि ईमान सिर्फ़ कलाम का नाम है।
इस हदीस को इमाम देलमी ने रिवायत किया है।
( मुसनदल फ़िरदौस 2/285, रकम 2459)

