
*रसूलअल्लाह saws की पेशनगोई अपनी उम्मत के लिए की, रसूलअल्लाह की वफ़ात के बाद हज़रत अली अलैहिस्सलाम से मेरी उम्मत बग़ावत करेगी और हज़रत अली अस की शहादत पर हर पत्थर के नीचे से ताज़ा ख़ून बहना, अहलेसुन्नत की मशहूर किताब से हवाले के साथ*🙏
عَنْ حَيَّانَ الْأَسَدِيِّ، سَمِعْتُ عَلِيًّا يَقُولُ: قَالَ لِي رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: «إِنَّ الْأُمَّةَ سَتَغْدِرُ بِكَ بَعْدِي، وَأَنْتَ تَعِيشُ عَلَى مِلَّتِي، وَتُقْتَلُ عَلَى سُنَّتِي، مَنْ أَحَبَّكَ أَحَبَّنِي، وَمَنْ أَبْغَضَكَ أَبْغَضَنِي، وَإِنَّ هَذِهِ سَتُخَضَّبُ مِنْ هَذَا» – يَعْنِي لِحْيَتَهُ مِنْ رَأْسِهِ – «صَحِيحٌ»
[التعليق – من تلخيص الذهبي] 4686 – صحيح
” حضرت علی رضی اللہ عنہ فرماتے ہیں : رسول اللہ ﷺ نے میرے بارے میں فرمایا : میری امت میرے بعد تیرے خلاف بغاوت کرے گی اور تم میرے دین پر قائم رہو گے اور تم میرے طریقے پر جہاد کرو گے ۔ جو تم سے محبت کرے گا وہ مجھ سے محبت کرے گا اور جس نے تم سے بغض رکھا اس نے مجھ سے بغض رکھا اور بے شک تمہاری یہ داڑھی شریف رنگین ہو جائے گی ۔
٭٭ یہ حدیث صحیح ہے ۔”
Al Mustadrak Hakim#4686
*तर्जुमा-हज़रत अली अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि रसूलअल्लाह saws ने मेरे बारे में फ़रमाया : मेरी उम्मत मेरे बाद आपके ख़िलाफ़ बग़ावत करेगी,(रसूलअल्लाह saws के इस क़ौल के मुताबिक़ रसूलअल्लाह के सन 11 हिजरी में इस दुनिया से जाने के बाद से ही उम्मत ने हज़रत अली की मुख़ालिफत शुरू कर दी थी) और तुम मेरे दीन पर क़ायम रहोगे (मतलब बाक़ी उम्मत जो भी हज़रत अली से बग़ावत/मुख़ालिफत कर रही होगी वो सब हुज़ूर पाक के दीन पर क़ायम नही होंगे) और तुम मेरे तरीके पर जिहाद करोगे(याद रहे के जिहाद मुसलमान किसी मुसलमान से नही बल्कि काफ़िर व मुशरिकों से करता है, इसका मतलब हज़रत अली के मुकाबले पर जहाँ पर भी जो भी आया चाहे सकीफ़ा में आया हो चाहे बैअत माँगने आया हो चाहे जमल में आया हो या सिफ़्फ़ीन में आया हो वो कम से कम इस हदीस के मुताबिक मुसलमान तो नही बचा) जो तुमसे मोहब्बत करेगा वो मुझसे मोहब्बत करेगा और जिसने तुमसे बुग़ज़ रखा उसने मुझसे बुग़ज़ रखा,और बेशक तुम्हारी ये दाढ़ी शरीफ़ तुम्हारे सर के ख़ून से रंगीन हो जाएगी।*
हवाला-मुस्तद्रक हाकिम हदीस नम्बर 4686
أَخْبَرَنِي أَحْمَدُ بْنُ بَالَوَيْهِ الْعَقِصِيُّ، ثنا مُحَمَّدُ بْنُ عُثْمَانَ بْنِ أَبِي شَيْبَةَ، ثنا عَبَّادُ بْنُ يَعْقُوبَ، ثنا نُوحُ بْنُ دَرَّاجٍ، عَنْ مُحَمَّدِ بْنِ إِسْحَاقَ، عَنِ الزُّهْرِيِّ، أَنَّ أَسْمَاءَ الْأَنْصَارِيَّةَ، قَالَتْ: «مَا رُفِعَ حَجَرٌ بِإِيلِيَاءَ لَيْلَةَ قُتِلَ عَلِيٍّ إِلَّا وَوَجَدَ تَحْتَهُ دَمٌ عَبِيطٌ» قَالَ الْحَاكِمُ: «قَدِ اخْتَلَفَتِ الرِّوَايَاتُ فِي مَبْلَغِ سَنِّ أَمِيرِ الْمُؤْمِنِينَ حِينَ قُتِلَ»
[التعليق – من تلخيص الذهبي] 4694 – نوح كذاب
” امام زہری حضرت اسماء انصاریہ کا یہ بیان نقل کرتے ہیں کہ جس رات حضرت علی رضی اللہ عنہ کو شہید کیا گیا اس رات ایلیاء میں جو پتھر بھی اٹھاتے اس کے نیچے سے تازہ خون نکلتا ۔
*तर्जुमा-इमाम ज़ोहरी हज़रत अस्मा अंसारिया का ये बयान नक़्ल करते हैं कि जिस रात हज़रत अली अलैहिस्सलाम को शहीद किया गया उस रात एलिया में जो पत्थर भी उठाते उस के नीचे से ताज़ा ख़ून निकलता था।*
हवाला-मुस्तद्रक हाकिम हदीस नम्बर 4694





