
हज़रत हसन बसरी रजिअल्लाह अन्हु का अकीदा..
✍️ मशहूर बुजुर्ग पीर-कामिल हज़रत दातागंज बख्श रहमतुल्लाह अलैह ने ‘कश्फुल महज़ूब’ में सफा नंबर 116 पर लिखा है कि,
इमाम हसन बसरी ने इमाम हसन अलैहिस्सलाम के नाम खत लिखा जिसमें हसन बसरी ने इमाम हसन को कहा कि-
1) आप रसूल ए खुदा सल्ला अल्लाहू अलैहि वा आलिही वसल्लम के फरजंद और आप सल्ला अल्लाहू अलैहि वा आलिही वसल्लम के आंखों के ठंडक हो..
2) आप हिदायत के रौशन चिराग हो..
3) आप अइम्मा-ए-दीन के क़ाएद [Leader] हो..
4) आप बनी हाशिम में कश्ती ए नूह की तरह हो जो गहरे अंधेरे समंदर में चल रहा है..
5) जिसने आप की पैरवी की वो इस तरह निजात पाएगा जैसे कश्ती ए नूह में सवार होने वाले मुसलमानों ने निजात पायी।
6) अल्लाह ने आप हज़रात को इल्म ए खुशूशी [विशेष ज्ञान] से नवाजा है।
7) आप सबके मुहाफिज हैं।
8) आप तमाम लोगों पर खुदा की तरफ से मुहाफिज और निगेहबान हैं..
Kashaf ul Junub
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अल्लाह हुम्मा सल्ली अला मुहम्मदﷺ वा आले मुहम्मदﷺ



