
*रसूल अल्लाह saws की वफात पर बेपनाह ग़म की वजह से उम्मुल मोमेनीन हज़रत आयशा ra ने मातम किया*➡️
*अहलेसुन्नत किताब Musnad Ahmed Hadees # 11040*
۔ (۱۱۰۴۰)۔ عَنْ یَحْیَ بْنِ عَبَّادِ بْنِ عَبْدِ اللّٰہِ بْنِ الزُّبَیْرِ عَنْ اَبِیْہِ عَبَّادٍ قَالَ: سَمِعْتُ عَائِشَۃَ تَقُوْلُ: مَاتَ رَسُوْلُ اللّٰہِ صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم بَیْنَ سَحْرِیْ وَنَحْرِیْ وَفِیْ دَوْلَتِیْ لَمْ اَظْلِمْ فِیْہِ اَحَدًا، فَمِنْ سَفَہِیْ وَحَدَاثَۃِ سِنِّیْ اَنَّ رَسُوْلَ اللّٰہِ صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم قُبِضَ وَھُوَ فِیْ حِجْرِیْ، ثُمَّ وَضَعْتُ رَاْسَہٗعَلٰی وِسَادَۃٍ، وَقُمْتُ اَلْتَدِمُ مَعَ النِّسَائِ وَاَضْرِبُ وَجْہِیْ۔ (مسند احمد: ۲۶۸۸۰)
हज़रत आयशा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है,उन्होंने कहा:अल्लाह के रसूल स्वल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम का इंतेक़ाल मेरी गर्दन और सीने के दरमियान मेरी ही बारी के दिन हुआ, मैंने उस दिन किसी से कुछ भी ज़्यादती नही की, मेरी गौद मैं रसूलअल्लाह अलैहिस्सलाम फौत हुए।फिर मैंने आप अलैहिस्सलाम का सर ए मुबारक तकिया पर रख दिया और *मैं औरतों के साथ मिलकर रोने लगी और अपने चेहरों पर हाथ मारने (मातम करने) लगीं।*
इस मोतबर रिवायत में उम्मुल मोमेनीन हज़रत आएशा रज़ियल्लाहू अन्हु से ख़ुद रिवायत मिलती हैं कि जब रसूलअल्लाह की वफ़ात हो गई तो हज़रत आएशा ने रसूलअल्लाह का सर ए मुबारक को तकिए पर रख दिया *और दूसरी तमाम औरतों के साथ मिलकर रोने लगीं और हुज़ूर से बेपनाह मोहब्बत और लगाव के ग़म की वजह से अपने अपने चेहरों पर हाथ मारकर मातम करती हुई रोने और पीटने लगीं।*
अब अगर मातम पर किसी को फतवा देना है तो सबसे पहले उम्मुल मोमेनिन का अमल भी ध्यान में रखना 🙏

